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नियमावली में फंसी मान्यता
राज्य के 105 इंटर काॅलेज बिना प्रस्वीकृति के संचालित हो रहे हैं रांची : राज्य में इंटरमीडिएट कॉलेजों की प्रस्वीकृति (मान्यता) का मामला नियमावली के पेंच में फंस गया है़ राज्य के लगभग 105 इंटर कॉलेज बिना स्थायी प्रस्वीकृति के चल रहे है़ इससे इन कॉलेजों से विद्यार्थियों के परीक्षा में शामिल होने का मामला […]
राज्य के 105 इंटर काॅलेज बिना प्रस्वीकृति के संचालित हो रहे हैं
रांची : राज्य में इंटरमीडिएट कॉलेजों की प्रस्वीकृति (मान्यता) का मामला नियमावली के पेंच में फंस गया है़ राज्य के लगभग 105 इंटर कॉलेज बिना स्थायी प्रस्वीकृति के चल रहे है़ इससे इन कॉलेजों से विद्यार्थियों के परीक्षा में शामिल होने का मामला प्रति वर्ष फंसता है़ अंतत: छात्र हित के नाम पर शिक्षा विभाग परीक्षार्थियों को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति भी देता है़
नियमावली बन जाने से कॉलेजों के स्थायी मान्यता लेने का रास्ता साफ हो जायेगा़ जो कॉलेज मान्यता की शर्त को पूरा नहीं कर पायेंगे वे बंद हो जायेंगे़ राज्य में वर्ष 2005 में इंटर कॉलेजों की प्रस्वीकृित के लिए नियमावली बनायी गयी थी़ इसके कुछ प्रावधानों का शिक्षक संघों ने विरोध किया़ इसमें संशोधन के लिए वर्ष 2011 में कमेटी बनायी गयी़
कमेटी ने वर्ष 2012 में अपनी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को सौंप दी़ शिक्षा विभाग ने नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव कार्मिक व विधि विभाग को भेजा़ दोनों विभागों से इसे स्वीकृति मिल गयी़ इसके बाद प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा गया़ वित्त ने यह कहते हुए शिक्षा विभाग को यह प्रस्ताव भेज दिया कि इसके कुछ बिंदुओं की फिर से समीक्षा की जाये. संशोधन प्रस्ताव की समीक्षा के लिए फिर से कमेटी गठित की गयी़ कमेटी ने अपनी
रिपोर्ट शिक्षा विभाग को वर्ष 2014 में सौंप दी़ इसके बाद से नियमावली संशोधन का प्रस्ताव शिक्षा विभाग में पड़ा हुआ है़
नियमावली का संशोधन प्रस्ताव
वर्ष 2005 के पूर्व से इंटर कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों के लिए अब बीएड की डिग्री अनिवार्य नहीं करने की अनुशंसा की गयी है़ इंटर कॉलेजों के शिक्षकों को हटाने के लिए जैक बोर्ड की सहमति को भी अनिवार्य किया गया था़ संशोधन में शहरी क्षेत्र में कॉलेज के लिए अब 50 डिसमील भूमि की आवश्यकता होगी, जबकि पहले यह एक एकड़ था़
पांच सत्र के लिए स्थापना अनुमति
संशोधन होने से इंटर कॉलेजों को अब पांच सत्र के लिए स्थापना अनुमति मिलती़ इससे पूर्व कॉलेजों को एक सत्र के लिए ही स्थापना अनुमति दी जाती थी. बिहार की तरह अब झारखंड में भी इंटर कॉलेजों को अस्थायी प्रस्वीकृति दी जायेगी. तीन वर्ष के अंदर शर्त पूरा नहीं करने की स्थिति में कॉलेजों की मान्यता स्वत: समाप्त हो जायेगी.
लीज की जमीन के लिए एनओसी
लीज की भूमि पर चल रहे कॉलेजों को अब प्रस्वीकृति के लिए केवल एनओसी देना होगा. संताल परगना में एसपीटी एक्ट के कारण कॉलेज खोलने में हो रहे परेशानी को देखते हुए इसमें भी बदलाव किया गया है, क्योंकि इस क्षेत्र में साफ सुथरी जमीन मिलनी मुश्किल है़ संताल परगना में अब कॉलेज खोलने के लिए भूमि का केवल दान पत्र देना होगा़
सीबीएसइ के अनुरूप हो भवन
नियमावली के अनुसार राज्य के इंटर काॅलेजों को मान्यता देने के लिए कमेटी ने कॉलेज के भवनों को सीबीएसइ के प्लस टू स्कूल के अनुरूप रखने को कहा था़ संशोधन प्रस्ताव में कहा गया है कि प्राचार्य का कक्ष, शिक्षक रूम, कॉमन रूम का आकार कॉलेजों को अपनी आवश्यकता अनुरूप तय करने को कहा गया है. नियमावली में संशोधन होने से इन काॅलेजों को मान्यता का रास्ता साफ हाे जायेगा.
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