रांची. झारखंड वैश्य पिछड़ा संघर्ष मोरचा के तत्वावधान में सोमवार को वैश्य पिछड़ा प्रतिनिधि सम्मेलन आयोजित किया गया. सम्मेलन में कई प्रस्ताव पारित किये गये. इन प्रस्तावों में मांग की गयी कि 15 नवंबर तक राज्य के पिछड़े वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जाये. 16 नवंबर से आरक्षण को लेकर आंदोलन तेज करने की बात कही गयी है.
एक अन्य प्रस्ताव में कहा गया कि पिछड़े वर्ग खासकर वैश्य समाज के आइएएस, आइपीएस व अन्य वर्ग के अधिकारियों को शंटिंग में डाल कर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है. मांग की गयी है कि वैश्य व पिछड़े वर्ग के अधिकारियों को भी पात्रता अौर वरीयता के हिसाब से पोस्टिंग दी जाये.
इसके अलावा चंदवा के लादू बाबू अौर तिलेश्वर साहू की हत्या की सीबीआइ जांच की मांग भी की गयी है. गोपाल साहू ने कहा कि अविभाजित बिहार में वैश्यों को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था. हमारी मांग है कि वैश्यों को 27 प्रतिशत आरक्षण मिले. उन्होंने वैश्य आयोग के गठन की मांग भी की. कुशवाहा महासभा के अध्यक्ष राजू महतो ने कहा कि झारखंड में सामाजिक समानता व समरसता के लिए पिछड़े वर्गों को समानुपात में प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए. महासभा के अध्यक्ष महेश्वर साहू ने भी कार्यक्रम में विचार रखे़ मौके पर शंकर प्रसाद गुप्ता, भोला प्रसाद, सरयू प्रसाद सहित अन्य उपस्थित थे.
हर हाल में आरक्षण लागू हो : प्रदीप यादव
झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा कि आरक्षण हर हाल में लागू किया जाना चाहिए. जहां आरक्षण नहीं है, वहां पिछड़ों की भागीदारी नहीं है. आज भी राष्ट्रीय स्तर की नौकरियों में पिछड़ों की 17.2 प्रतिशती ही भागीदारी है. इसे बढ़ाना होगा, ताकि नौकरियों में उनकी भागीदारी बढ़े.