रांची: राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के सोशल ऑडिट (सामाजिक अंकेक्षण) का काम अब तक शुरू नहीं हो सका है. योजना के तहत बने हेल्थ स्मार्ट कार्ड व लाभुकों के लिए किये गये भुगतान संबंधी विपत्रों (बिल) का मनरेगा की तर्ज पर ऑडिट करना था.
यह निर्देश करीब साल भर पहले पूर्व विभागीय मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी के कार्यकाल में ही दिया गया था. यह कहा गया था कि कार्यक्रम को संचालित कर रही झारखंड लेबर वेलफेयर सोसाइटी स्मार्ट कार्ड से संबंधित बिल का भुगतान तभी करेगी, जब स्मार्ट कार्ड लाभुक को हस्तगत हो जाये व संबंधित उपायुक्त इसका सत्यापन कर दें.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना से संबंधित कई शिकायतों के बाद यह निर्णय हुआ था. श्रमायुक्त व अन्य अधिकारियों से कहा गया था कि वह उनके निर्देशों का शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित करें, पर यह काम आज तक नहीं हो सका है.
जो निर्देश दिये गये थे
बीपीएल परिवारों के बीच योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये
इसके लिए राज्य के हर जिले में जिला व प्रखंड स्तरीय कार्यशाला हो
पंचायती राज व्यवस्था को भी इससे जोड़ा जाये
श्रम विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में मोनिटरिंग कोषांग गठित होगा
योजना की निगरानी की जिम्मेवारी हर कलस्टर में वरीय उप श्रमायुक्त की होगी
योजना के लिए मुख्यालय, जिला स्तर पर मोनिटरिंग कमेटी बने, उपायुक्त इसके अध्यक्ष होंगे
जिला परिषद की अध्यक्ष, विकास आयुक्त, सहायक श्रमायुक्त व अन्य पदाधिकारियों सहित ख्यात एनजीओ प्रतिनिधि इसके सदस्य होंगे
हर महीने की 10 तारीख को कमेटी अपना प्रगति प्रतिवेदन उपायुक्त के माध्यम से प्रधान सचिव को प्रेषित करेगी
प्रधान सचिव, श्रमायुक्त के स्तर पर एक शिकायत कोषांग का गठन किया जाये
झारखंड स्टेट लेबर सोसाइटी के स्तर पर एक टॉल-फ्री नंबर हो तथा इसकी जानकारी अखबारों के माध्यम से दी जाये
योजना के तहत निबंधित बीपीएल परिवार तथा उन्हें स्मार्ट कार्ड निर्गत होने के पूर्ण विवरण वाला डाटा बेस बने.