23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

लेजर से कराना है इलाज, तो रिम्स जायें

रांची: डायबिटीज एवं ब्लड प्रेशर के कारण आंखाें की समस्या होनेवाले मरीजों के लिए राहत की खबर है. राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में लेजर (रेटिना के इलाज में) के माध्यम से आंखों का इलाज मामूली खर्च (200 रुपये) पर किया जाता है़ जानकारी के अभाव में मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पाता […]

रांची: डायबिटीज एवं ब्लड प्रेशर के कारण आंखाें की समस्या होनेवाले मरीजों के लिए राहत की खबर है. राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में लेजर (रेटिना के इलाज में) के माध्यम से आंखों का इलाज मामूली खर्च (200 रुपये) पर किया जाता है़ जानकारी के अभाव में मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पाता है. वहीं राजधानी के अन्य अस्पतालों में लेजर से इलाज के लिए 2,000 रुपये तक लिये जाते हैं.

लेजर से इलाज कई चरणों में होता है, इसलिए मरीजों को ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ता है. रिम्स के नेत्र विभाग में इसके लिए डाॅ राहुल प्रसाद को कोयंबटूर में प्रशिक्षण दिया गया है. इसके बाद वह रिम्स में अपनी सेवा दे रहे हैं. नेत्र विभाग में अब तक लेजर से करीब 90 एवं इंट्राविट्रल इंजेक्शन से 100 से ज्यादा मरीजाें काे लाभ मिल चुका है.

आंखों के इन मरीजों को लाभ
लेजर का उपयोग रेटिना के इलाज में किया जाता है. रेटिना में खराबी डायबिटीज के कारण, ब्लड प्रेशर के कारण, मायोपिया की बीमारी के कारण, रेटिना में खून के रिसाव के कारण एवं टीबी की बीमारी के कारण होता है. इसके लिए सबसे उपयोगी इलाज लेजर है. अगर मरीज को सही समय पर लेजर से इलाज किया जाता है तो आंखों की रोशनी बचायी जा सकती है.
परदा के सूजन का इलाज भी सस्ता
डॉ राहुल प्रसाद ने बताया कि डायबिटीज एवं ब्लड प्रेशर के कारण कई मरीजों के आंखाें का परदा सूज जाता है. इसके लिए इंट्राविट्रल इंजेक्शन दिया जाता है. इस इंजेक्शन की कीमत 30,000 हजार रुपये है. एक इंजेक्शन से पांच मरीजों का इलाज किया जाता है. यानी एक मरीज को एक बार सूई देने में छह हजार रुपये का खर्च आता है, लेकिन रिम्स में पांच हजार रुपये में एक बार सूई दी जाती है. वहीं अन्य अस्पताल में मरीज को एक बार सूई लेने में आठ से 10,000 हजार रुपये का खर्च आता है.
ये जांच होती है मुफ्त
रिम्स में रेटिना के मरीजों की जांच भी मुफ्त में होती है. मरीज के आंखों की एंजियोग्राफी एवं ओसीटी जांच के लिए पैसा नहीं लगता है. वहीं निजी अस्पताल मेें आंखों की एंजियोग्राफी के लिए 2,000 रुपये एवं ओसीटी के लिए 2,500 रुपये लिए जाते है.
लेजर पद्धति के इलाज में प्रत्येक चरण में मरीज से दवा के खर्च के लिए 200 रुपये लिया जाता है. एंजियोग्राफी एवं आेसीटी के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता. वहीं इंट्राविट्रल इंजेक्शन के लिए एक बार सूई देने में पांच हजार रुपया लिया जाता है.
डाॅ राहुल प्रसाद, नेत्र रोग विशेषज्ञ

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें