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नौ वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म का मामला: रक्षा व देखभाल का निर्देश
चीफ जस्टिस ने लिया स्वत: संज्ञान रांची : क्सल प्रभावित घाटशिला के गांव में रहनेवाले गरीब मजदूर पिता द्वारा अपनी नौ वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता बच्ची को गोद में उठा कर हर रोज इलाज के लिए चार किमी दूर अस्पताल ले जाने के मामले को चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह ने काफी गंभीरता से लिया है. उन्होंने […]
चीफ जस्टिस ने लिया स्वत: संज्ञान
रांची : क्सल प्रभावित घाटशिला के गांव में रहनेवाले गरीब मजदूर पिता द्वारा अपनी नौ वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता बच्ची को गोद में उठा कर हर रोज इलाज के लिए चार किमी दूर अस्पताल ले जाने के मामले को चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह ने काफी गंभीरता से लिया है.
उन्होंने मामले से संबंधित मीडिया में आयी खबर के आधार पर स्वत: संज्ञान लेते हुए इसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया. उन्होंने कहा कि यह गंभीर व संवेदनशील मामला है. इसकी अनदेखी कतई नहीं की जा सकती है. राज्य सरकार को इस तरह के मामले में त्वरित व ठोस कदम उठाया चाहिए. कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को इस मामले में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. साथ ही पीड़िता के पिता को अंतरिम राहत के रूप में तत्काल (दो दिन के अंदर) एक लाख रुपये मुआवजा भुगतान करने का निर्देश दिया. अगली सुनवाई के दौरान अनुपालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया.
चीफ जस्टिस ने झारखंड स्टेट लीगल सर्विसेज ऑथोरिटी (झालसा) के सदस्य सचिव को डीएलएसए जमशेदपुर के अध्यक्ष से संपर्क कर पीड़िता का बेहतर मेडिकल ट्रीटमेंट, सुरक्षा व देखभाल की तुरंत व्यवस्था सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया. कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव, गृह के प्रधान सचिव, स्वास्थ्य के प्रधान सचिव व जमशेदपुर के उपायुक्त को प्रतिवादी बनाते हुए जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. उपायुक्त को निर्देश दिया कि प्रशासन द्वारा उठाये गये सभी कदमों की जानकारी कोर्ट में प्रस्तुत की जाये. मामले की अगली सुनवाई के लिए एक सितंबर की तिथि निर्धारित की.
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