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सिकिदिरी हाइडल में गड़बड़ी: सीएम ने दिया आदेश, एसएन वर्मा समेत सात पर अभियोजन चलेगा

रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने स्वर्णरेखा जल विद्युत परियोजना में हुई गड़बड़ी के मामले में जेएसइबी के तत्कालीन अध्यक्ष एसएन वर्मा समेत सात अधिकारियों पर अभियोजन चलाने का आदेश दिया है. इस मामले में सिकिदिरी फेज–1 एवं फेज–2 की मरम्मत वर्ष 2012 में भेल से 20.87 करोड़ की लागत से करायी गयी थी, जिसमें लागत […]

रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने स्वर्णरेखा जल विद्युत परियोजना में हुई गड़बड़ी के मामले में जेएसइबी के तत्कालीन अध्यक्ष एसएन वर्मा समेत सात अधिकारियों पर अभियोजन चलाने का आदेश दिया है. इस मामले में सिकिदिरी फेज–1 एवं फेज–2 की मरम्मत वर्ष 2012 में भेल से 20.87 करोड़ की लागत से करायी गयी थी, जिसमें लागत अधिक होने व मरम्मत में अनियमितता पायी गयी है. मुख्यमंत्री द्वारा योजना एवं वित्त विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है.
रिपोर्ट में सात पदाधिकारियों को दोषी पाते हुए कार्रवाई की अनुशंसा की गयी है. इसके बाद सीएम ने सातों पर विभागीय अभियोजन चलाने का आदेश दिया है. साथ ही तीन सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट से सीबीआइ को भी अवगत कराने को कहा है. मुख्यमंत्री ने सिकिदिरी जल विद्युत परियोजना में मरम्मत एवं रख–रखाव में अनियमितता के लिए एनपीइएल को काली सूची में डालने का आदेश दिया है. इस मामले में अन्य आरोपी सेवानिवृत्त अभियंता प्रमुख जीएनएस मुंडा, झारखंड ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड के अभियांत प्रमुख डीएन राम, सिकिदिरी हाइडल के सेवानिवृत्त परियोजना प्रबंधक बीके चौधरी व पीटीपीएस के कार्यपालक अभियंता प्रवीण कुमार पर भी अभियोजना चलाने का आदेश दिया गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में इस संभावना को नकारा नहीं जा सकता है कि इस मामले में जेएसइबी, भेल एवं एनपीइएल के पदाधिकारी आपराधिक षड्यंत्र में शामिल रहे हैं. सरकार अनियमितता बरतने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करेगी. गौरतलब है कि झारखंड हाइकोर्ट द्वारा सीडब्ल्यूजेसी नंबर– 1793/2001 डब्ल्यूपी (पीआइएल) नंबर–4611/2009 एवं डब्ल्यूपी (पीआइएल) नंबर- 2918/2010 में दिनांक 28.03.2011 को पारित आदेश के क्रम में जेएसइबी के कुछ मामलों सहित स्वर्णरेखा जल विद्युत परियोजना से संबंधित अनियमितता की जांच सीबीआइ द्वारा की जा रही है. ज्ञातव्य है कि वर्ष 2005 के दौरान स्वर्णरेखा जल विद्युत परियोजना, सिकिदिरी में मरम्मत एवं रख–रखाव का कार्य नामांकन के आधार पर कुल 59.75 लाख रुपये में भेल से कराया गया था. जबकि इसी कार्य के लिए वर्ष 2012 में 20.87 करोड़ में भेल को मरम्मत का कार्य दिया गया. भेल द्वारा यह कार्य एनइपीएल से कराया गया, जिसमें भारी गड़बड़ी पायी गयी.
जिनके खिलाफ अभियोजना चलेगा
जेएसइबी के तत्कालीन अध्यक्ष एसएन वर्मा, सेवानिवृत्त अभियंता प्रमुख जीएनएस मुंडा, झारखंड ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड के अभियांत प्रमुख डीएनराम, सिकिदिरी हाइडल के सेवानिवृत्त परियोजना प्रबंधक बीके चौधरी, व पीटीपीएस के कार्यपालक अभियंता प्रवीण कुमार

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