अब आदिवासी समाज का एक तबका इन घटनाअों के खिलाफ खड़ा हुआ है. आदिवासी सरना समिति, धुर्वा ने 24 अगस्त को जगन्नाथपुर के न्यू कॉलोनी अखड़ा में डायन बिसाही के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया. लोगों को बताया गया कि बीमार पड़ने पर अोझा, गुनी या भगताइन के नहीं, बल्कि डॉक्टर के पास जायें. आदिवासी सरना महासभा के द्वारा पिछले दिनों डायन बिसाही के खिलाफ राजभवन के समक्ष धरना दिया गया. इसमें मांग की गयी थी कि उन अोझाअों, भगताइन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाये, जो डायन बिसाही के नाम पर किसी को चिह्नित करते हैं. समाज को जागरूक करने का यह अभियान अभी जारी रहेगा.
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डायन बिसाही प्रथा के खिलाफ खड़ा हो रहा है आिदवासी समाज
रांची: आठ अगस्त को मांडर के कंजिया मरईटोली में डायन बता कर पांच महिलाअों की हत्या कर दी गयी थी. हत्या से पहले पांचों महिलाअों को अमानवीय यातनाएं दी गयीं. उन्हें निर्वस्त्र किया गया अौर लाठी डंडे से तब तक पीटा गया, जब तक कि उनके प्राण नहीं निकल गये. यह दिल दहला देनेवाली घटना […]
रांची: आठ अगस्त को मांडर के कंजिया मरईटोली में डायन बता कर पांच महिलाअों की हत्या कर दी गयी थी. हत्या से पहले पांचों महिलाअों को अमानवीय यातनाएं दी गयीं. उन्हें निर्वस्त्र किया गया अौर लाठी डंडे से तब तक पीटा गया, जब तक कि उनके प्राण नहीं निकल गये. यह दिल दहला देनेवाली घटना थी.
उसके बाद भी डायन बिसाही के नाम पर कुछ अौर बुजुर्ग महिलाअों की हत्या राज्य के अलग-अलग हिस्सों में हुई है. 24 अगस्त को गुमला के विशुनपुर में चार लोगों को डायन घोषित कर उन्नके सिर मुड़ दिये गये अौर गांव से बाहर निकाल दिया गया. पिछले ढाई साल में डायन बिसाही के नाम पर 124 से ज्यादा हत्याएं हुई हैं.
डायन के नाम पर झारखंड के आदिवासी समाज में लंबे समय से हत्याएं हो रही हैं. ऐसी घटनाएं सिर्फ आदिवासी समाज में ही नहीं, बल्कि मूलवासी समाज में भी हो रही हैं. इन घटनाअों के पीछे अशिक्षा, अंधविश्वास जैसे कारण हैं. ऐसे मामले भी हैं, जहां विधवा या अकेली रहनेवाली महिला की संपत्ति हड़पने के लिए भी उन्हें डायन घोषित कर मार दिया गया.
अब आदिवासी समाज का एक तबका इन घटनाअों के खिलाफ खड़ा हुआ है. आदिवासी सरना समिति, धुर्वा ने 24 अगस्त को जगन्नाथपुर के न्यू कॉलोनी अखड़ा में डायन बिसाही के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया. लोगों को बताया गया कि बीमार पड़ने पर अोझा, गुनी या भगताइन के नहीं, बल्कि डॉक्टर के पास जायें. आदिवासी सरना महासभा के द्वारा पिछले दिनों डायन बिसाही के खिलाफ राजभवन के समक्ष धरना दिया गया. इसमें मांग की गयी थी कि उन अोझाअों, भगताइन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाये, जो डायन बिसाही के नाम पर किसी को चिह्नित करते हैं. समाज को जागरूक करने का यह अभियान अभी जारी रहेगा.
सरकारी स्तर पर भी चलेगा अभियान
26 अगस्त को मुख्यमंत्री रघुवर दास पांच प्रचार रथों को झंडी दिखा कर रवाना करेंगे. यह प्रचार रथ पांच जिलों सिमडेगा, लोहरदगा, लातेहार, खूंटी व रांची जिले में जाकर डायन बिसाही व अंधविश्वास के खिलाफ लोगों को जागरूक करेगा. नुक्कड़ नाटकों व पोस्टर आदि के जरिये भी प्रचार किया जायेगा.
जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा) ने मांडर घटना की जांच के लिए अपनी अोर से पैनल लॉयर्स व पारा लीगल वालंटियर्स को नियुक्त किया है. इस टीम ने जांच शुरू भी कर दी है. डालसा की अोर से पीड़ित परिवारों को नि:शुल्क कानूनी सहायता भी दी जा रही है.
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