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पारा शिक्षकों का मानदेय बढ़ेगा, केंद्र को भेजा प्रस्ताव

रांची : पारा शिक्षकों का मानदेय बढ़ेगा. मुख्यमंत्री रघुवर दास की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में इसका निर्णय लिया गया. इससे संबंधित प्रस्ताव स्वीकृति के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विभाग को भेज भी दिया गया है. केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद पारा शिक्षकों को बढ़े हुए मानदेय का भुगतान किया जायेगा. सरकार […]

रांची : पारा शिक्षकों का मानदेय बढ़ेगा. मुख्यमंत्री रघुवर दास की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में इसका निर्णय लिया गया. इससे संबंधित प्रस्ताव स्वीकृति के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विभाग को भेज भी दिया गया है. केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद पारा शिक्षकों को बढ़े हुए मानदेय का भुगतान किया जायेगा. सरकार ने अप्रशिक्षित पारा शिक्षकों के लिए इसी वर्ष से प्रशिक्षण प्रारंभ करने का भी निर्णय लिया है. बैठक में मानव संसाधन मंत्री नीरा यादव, मुख्य सचिव राजीव गौबा, सीएम के प्रधान सचिव संजय कुमार, मानव संसाधन सचिव अाराधना पटनायक समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
किसे कितना मानदेय : बैठक में बताया गया कि राज्य में इस समय एक लाख 22 हजार 678 पारा शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं. इनमें 78544 पारा शिक्षक कार्यरत हैं. प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण 12316 पारा शिक्षकों का मानदेय 7800 रुपये है. उच्च प्राथमिक विद्यालय में 6408 पारा शिक्षकों का मानदेय 8400 रुपये है. प्राथमिक विद्यालय में प्रशिक्षत 28731 पारा शिक्षकों का मानदेय 7400 रुपये व उच्च प्राथमिक के प्रशिक्षित पारा शिक्षकों का मानदेय आठ हजार रुपये है. प्राथमिक विद्यालय के अप्रशिक्षित 15950 पारा शिक्षकों का मानदेय 6800 रुपये व उच्च प्राथमिक के अप्रशिक्षत पारा शिक्षकों का मानदेय 7400 रुपये है.

पारा शिक्षकों का आमरण अनशन शुरू
वरीय संवाददाता, रांची
पारा शिक्षकों के दूसरे गुट पारा शिक्षक समन्वय समिति का आमरण अनशन सोमवार को बिरसा चौक पर शुरू हुआ. इसमें राज्यभर के पारा शिक्षक हिस्सा ले रहे हैं. पारा शिक्षकों का एक गुट पहले से ही मोरहाबादी में डेरा डाले हुए हैं. दूसरे गुट के पारा शिक्षकों ने वेतनमान लागू करने को लेकर प्रदर्शन भी किया. आमरण अनशन को सफल बनाने को लेकर संचालन समिति का भी गठन किया गया है. इसमें विकास कुमार, ऋषिकेष पाठक, मंजय मेहता, ईश्वरी लाल तिर्की, विनोद तिवारी, विनोद बिहारी महतो को शामिल किया गया है. समिति के प्रदेश अध्यक्ष बिनोद बिहारी महतो ने कहा कि पारा शिक्षक वर्ष 2002 से अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलनरत हैं. देश में झारखंड को छोड़ कर सभी राज्यों में पारा शिक्षकों को वेतनमान दिया गया है. झारखंड देश का अकेला ऐसा राज्य है, जो केंद्र सरकार को 40 प्रतिशत राजस्व देता है. इसके बावजूद सरकार अभी तक पारा शिक्षकों को वेतनमान नहीं दे रही है.
पारा शिक्षकों की मांगें माने सरकार : युवा कांग्रेस
रांची. युवा कांग्रेस की ओर से पारा शिक्षक, रसोइया और संयोजिकाओं की समस्या के समाधान के लिए राज्यपाल और मुख्यमंत्री को पत्र भेजा गया है. युवा कांग्रेस के नेता राकेश किरण महतो और उज्ज्वल तिवारी ने कहा है कि पारा शिक्षकों की मांग जायज है. सरकार इनकी मांगों पर ध्यान दे. पारा शिक्षकों का सड़क पर उतरना दुर्भाग्यपूर्ण है. सरकार अपनी हठधर्मिता त्यागे़ युवा कांग्रेस के नेताओं ने कहा है कि पूरी पार्टी उनके साथ है.
राज्य में शैक्षणिक अराजकता : बसपा
बसपा के प्रदेश प्रभारी शत्रुघ्न कुमार शत्रु ने कहा है कि पारा शिक्षकों के आंदोलन से राज्य में शैक्षणिक अराजकता चरम पर है. सरकार अविलंब इनकी मांगें पूरी करे. पार्टी इनकी मांगों का समर्थन करती है. जरूरत पड़ी, तो बसपा सड़क पर उतरेगी. बसपा नेता ने कहा है कि राज्य में विधि-व्यवस्था नाम की चीज नहीं है. नौकरशाही बेलगाम है. रघुवर दास की सरकार दिल्ली से चल रही है. भाजपा का असली चेहरा बेनकाब हो गया है. बसपा राज्य के सभी जिलों में 21 तारीख को धरना प्रदर्शन कर केंद्र और राज्य सरकार का विरोध करेगी.
इस वर्ष दस हजार पारा शिक्षक होंगे स्थायी
झारखंड में पारा शिक्षक, शिक्षक नियुक्ति परीक्षा पास कर स्थायी सरकारी शिक्षक बन सकते हैं. इसकी प्रक्रिया शुरू हो गयी है. राज्य में प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति के प्रथम चरण में लगभग 2500 पारा शिक्षक स्थायी शिक्षक बने हैं. कक्षा एक से आठ तक लगभग 16 हजार शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है. इनमें से आठ हजार पद पारा शिक्षकों के लिए आरक्षित है. इस वर्ष लगभग दस हजार पारा शिक्षक स्थायी शिक्षक बन सकते हैं. राज्य में प्राथमिक शिक्षकों लिए होने वाली परीक्षा में पारा शिक्षकों के लिए 50 फीसदी सीट आरक्षित है. इसके लिए प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति नियमावली में संशोधन किया गया है. राज्य में जब भी प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति परीक्षा होगी, कुल रिक्त पद के 50 फीसदी सीट पारा शिक्षकों के लिए आरक्षित होगी.
सरकार करायेगी प्रशिक्षण
शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत शिक्षकों का प्रशिक्षित होना अनिवार्य है. राज्य में अब तक शत-प्रतिशत पारा शिक्षकों का प्रशिक्षण नहीं हुआ है. राज्य सरकार ने पारा शिक्षकों के प्रशिक्षण कराने का निर्णय लिया है. इसके लिए राज्य सरकार केंद्र सरकार से बात करेगी. राज्य के शत-प्रतिशत पारा शिक्षकों का प्रशिक्षण सुनिश्चित किया जायेगा. इसकेे लिए इस वर्ष प्रक्रिया शुरू की जायेगी.
प्रमाण पत्रों का शुरू हुआ सत्यापन
पारा शिक्षकों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन भी नहीं हुआ है. राज्य में लगभग 80 फीसदी पारा शिक्षकों के प्रमाण पत्र का सत्यापन बाकी है. शिक्षा परियोजना ने सभी जिला शिक्षा अधीक्षकों को प्रमाण पत्र सत्यापन करने को कहा है.
मानदेय में बढ़ोतरी को राज्य
सरकार की स्वीकृति
राज्य सरकार ने पारा शिक्षकों के मानदेय में बढ़ोतरी का निर्णय लिया है. इसके लिए राज्य सरकार के स्तर से स्वीकृित मिल गयी है. पारा शिक्षकों के मानदेय का 65 फीसदी राशि केंद्र सरकार देती हैं, इसलिए राज्य सरकार ने मानदेय में बढ़ोतरी का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजने का निर्णय लिया है. भारत सरकार की स्वीकृित के बाद पारा शिक्षकों के मानदेय में बढ़ोतरी की जायेगी.
प्रशिक्षित शिक्षकों को मिलता है 8400
राज्य सरकार द्वारा कक्षा एक से पांच व छह से आठ के प्रशिक्षित व अप्रशिक्षित पारा शिक्षकों के लिए अलग-अलग मानदेय का प्रावधान किया गया है. कक्षा एक से पांच के शिक्षक पात्रता परीक्षा पास शिक्षक काे 7800 व कक्षा छह से आठ के लिए 8400 रुपये मानदेय मिलता है. पारा शिक्षक लगभग 20 हजार मासिक वेतनतान की मांग कर रहे हैं. राज्य में वर्तमान में 78 हजार पारा शिक्षक कार्यरत हैं. ऐसे में 20 हजार मानदेय होने से प्रतिमाह 156 करोड़ रुपये का खर्च आयेगा.
60 हजार पारा शिक्षक हैं काम पर
शिक्षा विभाग ने राज्य भर से पारा शिक्षकों तथा उनसे संबंधित स्कूलों में पठन-पाठन संबंधी रिपोर्ट मंगायी है. इसमें पता चला है कि राज्य भर से 18838 पारा शिक्षक स्कूल नहीं जा रहे हैं. पारा शिक्षकों की कुल संख्या करीब 78 हजार है. लगभग 60 हजार पारा शिक्षक स्कूल जा रहे हैं तथा शिक्षण कार्य में लगे हैं. विभाग के अनुसार कोडरमा, पू सिंहभूम, प सिंहभूम, सरायकेला, खूंटी, पाकुड़, साहेबगंज, गोड्डा व जामताड़ा जिले में पठन-पाठन पर कोई असर नहीं पड़ा है. वहीं रांची जिले के बुड़मू प्रखंड को छोड़ शेष जिला पारा शिक्षकोंं के आंदोलन से अप्रभावित है. जो पूरी तरह पारा शिक्षक के भरोसे हैं, उन स्कूलों को बंद नहीं होने देने के लिए, विभाग ने पठन-पाठन चालू रखने के लिए चार हजार शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की है.

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