27.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अफसर लुटेरे हो गये हैं : झारखंड हाइकोर्ट

रांची: झारखंड हाइकोर्ट में मंगलवार को पहाड़ों के गायब होने को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार के जवाब पर नाराजगी जतायी. खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि सरकार का शपथ पत्र संतोषजनक नहीं है. जिस अधिकारी […]

रांची: झारखंड हाइकोर्ट में मंगलवार को पहाड़ों के गायब होने को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार के जवाब पर नाराजगी जतायी.
खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि सरकार का शपथ पत्र संतोषजनक नहीं है. जिस अधिकारी द्वारा शपथ पत्र दायर किया गया है, उसमें गलत तथ्य पाये गये, तो उस अधिकारी को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे. अधिकारियों द्वारा कोर्ट के आदेश को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है. राज्य के अधिकारी अवैध माइनिंग करनेवालों का बचाव कर रहे हैं. सरकार की नाक के नीचे अवैध माइनिंग हो रही है, यह कैसे संभव है. बिना संरक्षण के अवैध माइनिंग कार्य संभव नहीं है. ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार के अफसर लुटेरे हो गये हैं. राजस्व की इस लूट में उनकी भी संलिप्तता है.

अवैध माइनिंग के लिए सरकार के अफसर पूरी तरह से जिम्मेवार हैं. खंडपीठ ने स्थिति को खतरनाक बताते हुए कहा कि अवैध माइनिंग को कतई बरदाश्त नहीं की जा सकती है. उसे तुरंत बंद किया जाये. खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान कोर्ट में उपस्थित खान विभाग के निदेशक सत्य प्रकाश नेगी व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव संजय कुमार सुमन से पूछा कि पूर्व में जो आदेश दिया गया था, उसके बाद कितनी अवैध माइनिंग बंद की गयी है. आपके शपथ पत्र से भी यह स्पष्ट नहीं होता है. आदेश का अनुपालन क्यों नहीं किया गया.

खंडपीठ ने खान निदेशक को फटकार लगाते हुए कहा कि एक सप्ताह के अंदर दोबारा शपथ पत्र दायर कर बिंदुवार विस्तृत जानकारी दें. जवाब गोल मटोल नहीं हो. शपथ पत्र को 360 बार पढ़ कर आयें. कोर्ट, शपथ पत्र में दिये गये कोमा, फूल स्टॉप आदि को भी देखेगा, यदि उसमें कोई गलती पायी गयी, तो आप बख्शे नहीं जायेंगे. अपने सभी जिला खनन पदाधिकारियों से इस आशय का शपथ पत्र लें कि उनके जिला में अवैध माइनिंग बंद है. अपना शपथ पत्र बनायें और जिला खनन पदाधिकारियों के शपथ पत्र को संलगA करते हुए कोर्ट में दाखिल करें. इसके बाद कहीं भी अवैध माइनिंग होने की जानकारी मिलेगी, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट सख्त आदेश पारित करेगा.

खंडपीठ ने यह भी कहा कि राज्य में अवैध माइनिंग पूरी तरह से बंद हो जाये, तो हाइकोर्ट संतुष्ट होगा. जल्द से जल्द वह दिन कोर्ट देखना चाहता है. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से खंडपीठ को बताया गया कि 581 माइनिंग बंद कर दी गयी है. पिछले पांच वर्षो में अब तक 300 प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. यह भी बताया गया कि कैबिनेट की स्वीकृति लेकर दस एक्शन प्वाइंट पर विभाग काम कर रहा है. अवैध माइनिंग को चिह्न्ति कर उसे बंद कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है.
अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने सरकार के जवाब का विरोध करते हुए कहा कि राज्य के विभिन्न जिलों में अब भी अवैध माइनिंग का कार्य चल रहा है. इस पर पूरी तरह से रोक नहीं लगायी गयी है. सरकार का जवाब संतोषजनक नहीं है. गौरतलब है कि राज्य के विभिन्न जिलों में 38 पहाड़ों के गायब होने के मामले को हाइकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.
पूर्व के आदेश में क्या कहा था कोर्ट ने
पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने खान व भूतत्व विभाग व झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एक्शन टेकन रिपोर्ट देने को कहा था. खान निदेशक व बोर्ड के सदस्य सचिव को उपस्थित होकर इस मामले में की गयी कार्रवाई की जानकारी देने को भी कहा था. बिना माइनिंग प्लान अनुमोदन व इन्वायरमेंटल क्लियरेंस के चल रही माइनिंग की अद्यतन स्थिति की जानकारी भी मांगी थी. उस दिन राज्य सरकार की ओर से बताया गया था कि 2057 माइनिंग लीज दी गयी है, इसमें से 261 माइनिंग प्लान अनुमोदित हैं तथा 135 लीज को इन्वायरमेंटल क्लियरेंस स्वीकृत किया गया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें