28.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पुरानी किताबों से पढ़ीं मेडिकल की पढ़ाई

रांची : हजारों महिलाओं को मां का सुख प्रदान करनेवाली डॉ शोभा चक्रवर्ती साधारण परिवार से संबंधित रखती थीं. उनका बचपन बहुत ही कष्ट में बीता, पर उनकी रुचि शुरू से पढ़ने की थी. पिता ने भी हमेशा पढ़ने–लिखने के लिए उन्हें प्रेरित किया. डॉ शोभा रामपुर पाकिस्तान में जन्मीं और पली–बढ़ी. यह जगह आज […]

रांची : हजारों महिलाओं को मां का सुख प्रदान करनेवाली डॉ शोभा चक्रवर्ती साधारण परिवार से संबंधित रखती थीं. उनका बचपन बहुत ही कष्ट में बीता, पर उनकी रुचि शुरू से पढ़ने की थी.

पिता ने भी हमेशा पढ़नेलिखने के लिए उन्हें प्रेरित किया. डॉ शोभा रामपुर पाकिस्तान में जन्मीं और पलीबढ़ी. यह जगह आज नॉर्थ बंगाल में है.

अपने बैच की टॉपर बनीं

शुरुआती समय में उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि मेडिकल की किताबें खरीद सके. लाइब्रेरी और डॉक्टरों की पुरानी किताबें पढ़ कर मेडिकल की पढ़ाई पूरी की. 1965 में पटना मेडिकल कॉलेज से मेडिकल की परीक्षा पास की. अपने बैच की टॉपर बनीं. एक साधारण सी लड़की कभी मेडिकल लाइन में इतना बेहतर रेंगी, किसी ने सोचा नहीं था.

1974 में असिस्टेंट प्रोफेसर आरएमएसीएच (अब रिम्स) में आना हुआ, तब वह 23 वर्ष की थीं. तब से लेकर अब तक वह केवल झारखंड, ल्कि पड़ोस के राज्यों की महिलाओं को मां बनने उनकी गोद में हंसताखेलता बच्च देने का सुख दे रही हैं.

डॉ चक्रवर्ती का कहना है कि मां बनना दुनिया की सबसे बड़ी खुशी है. मां से ही बच्चे का विकास होता है. मां का गुण बच्चों में आता है. मां को चाहिए कि वह बच्चों के लिए आदर्श बनें. जब एक मां हंसताखेलता हुआ च्च लेकर उनके पास आती हैं, तो उन्हें बहुत आनंद महसूस होता है.

उनके लिए उससे ज्यादा खुशी का पल और कुछ नहीं होता. डॉ चक्रवर्ती का नाम केवल झारखंड ही नहीं, बल्कि बिहार में भी है. एकीकृत बिहार के समय और अब भी बिहार से भी बड़ी संख्या में महिलाएं उनके पास इलाज कराने आती हैं. चिकित्सा के क्षेत्र में उनका अलग नाम है. उन्हें जाननेवाले उनकी तारीफ करने से नहीं चूकते.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें