30.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

शास्त्रीय नृत्य कभी समाप्त नहीं हो सकता : मालविका

फोटो सुनीलधारित्री कला केंद्र की छात्राओं ने प्रस्तुत किया नृत्यसंवाददाता, रांची शास्त्रीय नृत्य कभी समाप्त नहीं हो सकता. यह एक साधना है, जिसका कोई अंत नहीं. यह निरंतर अभ्यास से ही सीखा जा सकता है. यह बात धारित्री कला केंद्र की संचालिका मालविका मुखर्जी ने कही. हिनू में आयोजित कार्यक्रम में छात्राओं ने कत्थक व […]

फोटो सुनीलधारित्री कला केंद्र की छात्राओं ने प्रस्तुत किया नृत्यसंवाददाता, रांची शास्त्रीय नृत्य कभी समाप्त नहीं हो सकता. यह एक साधना है, जिसका कोई अंत नहीं. यह निरंतर अभ्यास से ही सीखा जा सकता है. यह बात धारित्री कला केंद्र की संचालिका मालविका मुखर्जी ने कही. हिनू में आयोजित कार्यक्रम में छात्राओं ने कत्थक व कई शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत किये. इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ जूलिया आदित्य व गु्रप द्वारा बांग्ला गीत ‘यदि तोर डाक सुने…’ गीत पर आकर्षक नृत्य से हुई. एस मुखर्जी ने वंदना नृत्य प्रस्तुत किया, वहीं एम घोष ने ‘अंजलि लह मोर.. ‘गीत गाया. आरोही, प्रेरणा व किट्टू ने ‘डोला डोला…’ नृत्य और कोमल मेघा व मनीषा के डांडिया नृत्य ने लोगों की सराहना बटोरी. कार्यक्रम में पीके चटर्जी, गार्गी मलकानी व अन्य लोग मौजूद थे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें