पंचायती राज विभाग – राज्य सरकार को केंद्रीय योजनाओं पर लगाना होगा अपना पैसाप्रमुख संवाददाता, रांची पंचायती राज विभाग के ऊपर करीब 250 करोड़ रुपये की लायबिलिटी हो गयी है. यानी यह राशि अब केंद्र सरकार के बजाय राज्य सरकार को वहन करनी पड़ेगी. इस राशि से केंद्र प्रायोजित अधूरी योजनाओं को पूरा किया जायेगा. केंद्र सरकार को इन योजनाओं को पूरा करने के लिए राशि खर्च करनी थी, लेकिन आधे में ही केंद्र सरकार ने अपना हाथ खींच लिया है. नतीजन सारी योजनाएं अधूरी रह गयी है. मजबूरी में राज्य सरकार को इन योजनाओं को पूरा कराना पड़ रहा है.बीआरजीएफ/एसीए हो गया है बंदकेंद्र प्रायोजित बीआरजीएफ व एसीए के बंद हो जाने से यह स्थिति हुई है. इन योजनाओं से सड़क, पंचायत भवन, पुलिया, कलवर्ट सहित अन्य काम गांवों में होते थे. हर साल केंद्र से इन योजनाओं के लिए राशि मिल रही थी. इसके आधार पर योजनाएं भी चल रही थी, लेकिन अचानक इस वित्तीय वर्ष में केंद्र ने योजना ही बंद कर दी, जिससे सारी चालू योजनाएं फंस गयी. अब इन अधूरे योजनाओं को राज्य सरकार को अपने पैसे से पूरा कराना है. इसके लिए सारे जिलों से योजनाओं पर होनेवाले खर्च पर रिपोर्ट मांगी गयी. रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य भर में इन योजनाओं पर करीब 250 करोड़ रुपये खर्च होने हैं. बीआरजीएफ पर 95 करोड़ से अधिक, जबकि एसीए की योजनाओं पर 150 करोड़ रुपये से अधिक राशि खर्च होगी.
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250 करोड़ की लायबिलिटी हो गयी विभाग पर
पंचायती राज विभाग – राज्य सरकार को केंद्रीय योजनाओं पर लगाना होगा अपना पैसाप्रमुख संवाददाता, रांची पंचायती राज विभाग के ऊपर करीब 250 करोड़ रुपये की लायबिलिटी हो गयी है. यानी यह राशि अब केंद्र सरकार के बजाय राज्य सरकार को वहन करनी पड़ेगी. इस राशि से केंद्र प्रायोजित अधूरी योजनाओं को पूरा किया जायेगा. […]
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