रांचीः बिरसा कृषि विवि के कुलपति डॉ एमपी पांडेय ने कहा कि आधुनिक तकनीक के प्रयोग से कृषि लागत घटाते हुए उत्पादकता बढ़ानी होगी. खाद्य सुरक्षा कानून के सफल कार्यान्वयन के लिए खाद्यान्न का नियमित उत्पादन करना जरूरी है. आधुनिक तकनीक का प्रयोग किये बिना यह संभव नहीं होगा. डॉ पांडेय तीन अक्तूबर को रबी अनुसंधान परिषद की 33वीं बैठक में बोल रहे थे.
कुलपति ने कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून के तहत देश की लगभग 82 करोड़ की आबादी को सस्ता खाद्यान्न मुहैया कराने का लक्ष्य है. इसके लिए हमें खाद्यान्न की खरीद, परिवहन, भंडारण और वितरण के क्षेत्र में चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि भूमि और जल जैसे कृषि की बुनियादी संसाधनों की उपलब्धता घटने के कारण उर्वरक, कीटनाशी, सिंचाई, बीज, कृषि उपकरण जैसे संसाधनों के प्रयोग में वृद्धि करनी होगी. सरकारी क्षेत्र को हाइब्रिड बीजों का उत्पादन बढ़ाने और प्रतिकूल मौसम में भी बेहतर उत्पादन करनेवाली फसल का विकास करना होगा. वैज्ञानिकों व किसानों को फसल कटाई के बाद के चरण में होनेवाले नुकसान को न्यूनतम करने पर ध्यान देने की आवश्यकता है.
गोविंद वल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि, उत्तराखंड के पौधा प्रजनन विशेषज्ञ डॉ रवींद्र कुमार पवार ने कहा कि झारखंड की लगभग 90 प्रतिशत कृषि भूमि वर्षा पर आश्रित है. बीएयू के प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ आरपी सिंह रतन ने जलवायु नियंत्रित हाइटेक बागवानी को प्राथमिकता देने की बात कही. इससे पूर्व अपर अनुसंधान निदेशक डॉ डीके सिंह द्रोण ने आगंतुकों का स्वागत किया. कृषि डीन डॉ राघव ठाकुर ने धन्यवाद ज्ञापन किया. इस अवसर पर डॉ राकेश कुमार, डॉ एस कर्मकार, डॉ आरआर उपासनी, डॉ एमके सिंह, डॉ शीला बारला द्वारा लिखित पुस्तकों का लोकार्पण किया गया. कार्यक्रम में कई शिक्षक, वैज्ञानिक, विभागाध्यक्ष उपस्थित थे.