19 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

लड़की को मिला 1.7 करोड़ का मुआवजा

नयी दिल्ली. तमिलनाडु के एक अस्पताल में जन्म के बाद डॉक्टरों की लापरवाही के कारण दोनों आंखों की रोशनी खोने वाली लड़की को सुप्रीम कोर्ट ने 1.7 करोड़ रु पये मुआवजा देने का आदेश दिया है. अब यह लड़की 28 वर्ष की हो गयी है. इस दौरान उसके इलाज में 42 लाख रु पये खर्च […]

नयी दिल्ली. तमिलनाडु के एक अस्पताल में जन्म के बाद डॉक्टरों की लापरवाही के कारण दोनों आंखों की रोशनी खोने वाली लड़की को सुप्रीम कोर्ट ने 1.7 करोड़ रु पये मुआवजा देने का आदेश दिया है. अब यह लड़की 28 वर्ष की हो गयी है. इस दौरान उसके इलाज में 42 लाख रु पये खर्च हुए थे. मुआवजे की रकम में इलाज पर हुआ खर्च भी शामिल है. मुआवजा राज्य सरकार को देना है. न्यायमूर्ति जेएस खेहड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने तमिलनाडु सरकार की उस दलील को खारिज कर दिया कि यह मामला डॉक्टरों की लापरवाही का नहीं है. पीठ ने इसे इलाज में कोताही बरतने का मामला बताया है. पीडि़त परिवार की ओर से पेश वकील निखिल नैयर ने अदालत के समक्ष दलील थी कि चूंकि बच्ची नियमति रूप से अस्पताल के डॉक्टरों की निगरानी में थी, लिहाजा साफ है कि इस मामले में अस्पताल की ओर से कोताही बरती गयी है.क्या है मामला लड़की का जन्म 30 अगस्त 1986 को चेन्नई के एक सरकारी अस्पताल में हुआ था. जन्म के बाद उसे अगले 25 दिनों तक अस्पताल के आइसीयू में रखा गया. इस दौरान कभी भी डॉक्टरों ने रेटिनोपैथी ऑफ प्रीमैच्योर (आरओपी) टेस्ट कराने के लिए नहीं कहा. समय पूर्व जन्म होने पर आमतौर पर बच्चों का यह टेस्ट होता है. बच्ची को जब तक प्राइवेट डॉक्टर के पास दिखाया जाता तब तक देर हो चुकी थी. तब तक उसकी दोनों आंखों की रोशनी चली गयी थीं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें