24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

परिवर्तन यातायात जनचेतना का असर नहीं

– नौ मई को हुई थी अभियान की शुरुआत, 16 मई को हुआ था समापन रांची : राजधानी को जाम से मुक्ति दिलाने और आम लोगों को जाम की समस्या से निजात दिलाने को लेकर ट्रैफिक पुलिस की ओर से परिवर्तन यातायात जन चेतना जागृति आंदोलन की शुरुआत की गयी थी. ट्रैफिक एसपी कार्तिक एस […]

– नौ मई को हुई थी अभियान की शुरुआत, 16 मई को हुआ था समापन
रांची : राजधानी को जाम से मुक्ति दिलाने और आम लोगों को जाम की समस्या से निजात दिलाने को लेकर ट्रैफिक पुलिस की ओर से परिवर्तन यातायात जन चेतना जागृति आंदोलन की शुरुआत की गयी थी.
ट्रैफिक एसपी कार्तिक एस की पहल पर नौ मई से लेकर 16 मई तक जागरूकता अभियान चलाया गया था. अभियान के तहत लोगों को ट्रैफिक के नियमों की जानकारी दी गयी थी, लेकिन अभियान खत्म होते ही सब कुछ पहले जैसा हो गया. लोगों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा. लोग आज भी ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं. शहर के अधिकांश ट्रैफिक सिगनल फेल हो चुके हैं. शहर में अब तक आड़े-तिरछे वाहन लग रहे हैं. ऑटो चालक भी चौक-चौराहों पर ऑटो खड़ा कर ट्रैफिक नियम तोड़ रहे हैं.
आंदोलन खत्म होने के बाद अब तक इसकी समीक्षा तक नहीं की गयी कि आंदोलन का क्या असर हुआ. कहां कमियां रह गयीं और क्या सुधार की जरूरत है. ट्रैफिक जाम की समस्या बरकरार है. ट्रैफिक पुलिस का यह अभियान पूरी तरह से फेल हो चुका है.
पूर्व में भी कई अभियान हो चुके हैं विफल
– ट्रैफिक पुलिस द्वारा घायल व्यक्ति को तत्काल इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए गोल्डेन आवर सिस्टम की शुरुआत की गयी थी. अभियान की शुरुआत तत्कालीन ट्रैफिक एसपी राजीव रंजन सिंह की पहल पर हुई थी. सिस्टम के तहत कुछ दिनों तक घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन मॉनीटरिंग के अभाव में यह सिस्टम भी फेल हो गयी.
– तत्कालीन ट्रैफिक एसपी राजीव रंजन सिंह ने जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए अपर बाजार समेत कुछ सड़कों को वन-वे किया था. इसके लिए ट्रैफिक सिपाहियों की तैनाती भी की गयी थी. लेकिन, यह व्यवस्था धीरे-धीरे फेल हो गयी. अपर बाजार में तैनात सिपाहियों को हटा लिया गया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें