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झारखंड के विकास में सहभागी बनेगा एनएमडीसी

बातचीत : नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनएमडीसी) के सीएमडी एनके कोठारी ने कहा पीएम के समक्ष आज छह एमटी क्षमता की इंटीग्रेटेड स्टील परियोजना के लिए एमओयू होगा सुनील चौधरी रांची : नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनएमडीसी) के सीएमडी एनके कोठारी ने कहा कि झारखंड के विकास में एनएमडीसी सहभागी बनेगा. एनएमडीसी, झारखंड सरकार और […]

बातचीत : नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनएमडीसी) के सीएमडी एनके कोठारी ने कहा
पीएम के समक्ष आज छह एमटी क्षमता की इंटीग्रेटेड स्टील परियोजना के लिए एमओयू होगा
सुनील चौधरी
रांची : नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनएमडीसी) के सीएमडी एनके कोठारी ने कहा कि झारखंड के विकास में एनएमडीसी सहभागी बनेगा. एनएमडीसी, झारखंड सरकार और केंद्रीय इस्पात मंत्रलय, स्पेशल परपज व्हीकल (एसपीवी) बनाकर झारखंड में छह मिलियन टन (एमटी) के स्टील प्लांट लगायेगा. 28 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष बरही के गोरिया करमा में तीनों के बीच एमओयू होगा. एमओयू कार्यक्रम में शामिल होने के लिए श्री कोठारी शनिवार को रांची पहुंचे. प्रभात खबर ने परियोजना के बाबत उनसे बातचीत की.
एनएमडीसी की झारखंड के लिए क्या परियोजना है ?
एनएमडीसी, झारखंड सरकार और केंद्रीय इस्पात मंत्रलय एक स्पेशल परपज व्हीकल(एसपीवी) बनाकर झारखंड में स्टील प्लांट लगायेंगे. पहले चरण में इसकी क्षमता छह मिलियन टन की होगी. इसके लिए 28 जून को प्रधानमंत्री के समक्ष तीनों के बीच एमओयू होगा. एसपीवी का उद्देश्य ही है कि खनिज बहुल राज्यों में राज्य के विकास के लिए स्टील प्लांट का निर्माण किया जाये. झारखंड के अलावा ओड़िशा और छत्तीसगढ़ में भी एसपीवी बना है.
कहां पर प्लांट लगाये जायेंगे ?
राज्य सरकार साइट का चयन करके देगी. भूमि की व्यवस्था भी राज्य सरकार ही करेगी. सरकार ने कुछ साइट तय किये हैं. एमओयू होने के बाद इस पर काम किया जायेगा. जो भी बेहतर जगह होगी, वहां परियोजना लगायी जायेगी. इसके पहले परियोजना के लिए माइंस का डेवलप किया जाना है. जमीन देखना है. इन सारी प्रक्रियाओं में तीन से चार साल लग जायेंगे.
एसपीवी कैसे काम करेगा?
एसपीवी उद्योग लगाने के लिए सारी आधारभूत संरचना उपलब्ध करायेगा. बिजली, पानी, जमीन, खनिज की व्यवस्था होगी. इसके बाद ओपन बिडिंग या कुछ अन्य माध्यम से उपयुक्त कंपनियों का चयन किया जायेगा, जो वहां प्लांट लगायेंगी और चलायेंगी.
एसपीवी के लिए झारखंड का ही चयन क्यों?
केंद्र सरकार द्वारा केवल खनिज बहुल राज्यों के लिए ही एसपीवी का गठन किया जा रहा है. झारखंड के पास खनिज संसाधन उपलब्ध है. देश के जो भी मिनरल रिच स्टेट हैं, वहां ऐसे प्लांट केंद्र सरकार द्वारा दिये जा रहे हैं. दूसरी बड़ी बात है कि यहां टाटा स्टील और सेल जैसी कंपनियां पहले से है. झारखंड में औद्योगिक विकास की अपार संभावना है.
झारखंड को क्या लाभ होगा प्लांट से?
एक बड़ा स्टील प्लांट जब लगता है तो जाहिर है वहां आर्थिक विकास की गति तेज होगी. आर्थिक विकास होगा तो स्थानीय लोग भी इसके हिस्सेदार बनेंगे. बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन होगा.
इससे न केवल झारखंड को ही बल्कि देश को भी लाभ होगा. झारखंड में जमीन की समस्या होती है, कैसे निबटेंगे?विकास के लिए इस तरह की समस्या नहीं आती. राज्य सरकार वैसी भूमि को ही देखेगी जहां से लोगों को हटना न पड़े. ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिले, यह केंद्र सरकार का भी उद्देश्य है और राज्य सरकार का भी.
आपकी झारखंड में क्या भूमिका होगी?
एनएमडीसी पहले से जेएसएमडीसी के साथमिलकर एक ज्वाइंट वेंचर कंपनी बनाकर काम कर रही है. हमारा उद्देश्य ही है कि खनिजों का सही तरीके से इस्तेमाल हो. झारखंड के विकास में एनएमडीसी सहभागी बने यह गौरव की बात है. एनएमडीसी को यह मौका दिया गया है इसके लिए हम प्रधानमंत्री के आभारी हैं.

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