भारत सरकार ने वर्ष 2004 में महिला साक्षरता दर बढ़ाने के लिए कस्तूरबा गांधी विद्यालय योजना शुरू की थी. कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में वर्ग छह से आठ तक की पढ़ाई होती थी. राज्य सरकार ने विद्यालय में पहले मैट्रिक व फिर इंटर तक की पढ़ाई शुरू की. इन स्कूलों में पढ़नेवाली लड़कियों को किताब, भोजन आदि सरकार उपलब्ध कराती है.
कक्षाएं बढ़ीं, पर संसाधन नहीं
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय को अपग्रेड कर प्लस टू स्तर तक कर दिया गया, लेकिन संसाधन में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई. इससे छात्राओं को काफी परेशानी होती है. विद्यालय में न तो समुचित मात्र में बेंच-डेस्क है न ही छात्रवास में रहने की सुविधा.
बेहतर कर रहीछात्राएं
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की छात्रएं कम संसाधन में बेहतर प्रदर्शन कर रही है. मैट्रिक व इंटर दोनों परीक्षा में विद्यालय की छात्राओं का प्रदर्शन शानदार रहा है. इस वर्ष मैट्रिक परीक्षा में रांची की कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय का रिजल्ट शत-प्रतिशत रहा था. इंटर में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की छात्र राज्य में तीसरे स्थान पर रही.