रांची: झारखंड की दो परियोजनाओं, मानव संपदा और इ-पास को केंद्र के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने स्वीकृति प्रदान कर दी है. मंत्रलय के अपर सचिव राजीव गौवा की अध्यक्षता में गठित वर्किग ग्रुप ने झारखंड के ई- प्रोजेक्ट रैपिड रेप्लिकेशन ऑफ एचआरएमएस-मानव संपदा और रैपिड रेप्लिकेशन ऑफ इ-पास (छात्रवृत्ति) को 10वीं बैठक में स्वीकृत कर दिया.
इस प्रोजेक्ट को एनआइसी की हिमाचल प्रदेश इकाई और आंध्रप्रदेश के सेंटर फॉर गुड गवर्नेस की ओर से विकसित किया गया है. परियोजना के लिए विश्व बैंक ने वित्तीय मदद की है. वर्किग ग्रुप की बैठक में झारखंड से सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रधान सचिव एनएन सिन्हा ने हिस्सा लिया था.
राष्ट्रीय इ-गवर्नेस योजना के तहत प्रोग्राम मैनेजमेंट और वित्तीय सहायता के रूप में विश्व बैंक से सात सौ करोड़ रुपये मिले हैं.मानव संपदा एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर में मानव संसाधनों का बेहतर प्रबंधन करना है. इस सॉफ्टवेयर के जरिये हिमाचल प्रदेश में कार्यरत 2.35 लाख सरकारी कर्मियों और 27918 अधिकारियों का प्रबंधन किया जा रहा है. सॉफ्टवेयर में ऑनलाइन नियुक्ति पत्र, स्थानांतरण, टर्मिनेट करने, वार्षिक प्रॉपर्टी रिटर्न भरने, एसीआर लिखने, इ-सर्विस बुक और अन्य कार्य भी किये जा रहे हैं.
दो लाख सरकारी कर्मी जुड़ेंगे
झारखंड में पहले चरण में सॉफ्टवेयर के जरिये दो लाख सरकारी कर्मियों को जोड़ा जायेगा.