बंगाल में सबसे बुरा हाल55 सांसदों ने गोद नहीं लिया गांव46 सांसद हैं तृणमूल के34 लोकसभा में12 राज्यसभा मेंइन्होंने भी गोद नहीं लिया गांवत्रमाकपा महासचिव सीताराम येचुरीत्रकांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरीसांसद बोलेत्रसहायता और धन के बिना योजना के तहत कोई ढांचागत कार्य करवाना संभव नहींत्रयोजना के लिए ‘प्रभारी अधिकारियों’ की नियुक्ति में ली जाये सांसदों की मंजूरीएजेंसियां, नयी दिल्लीप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘सांसद आदर्श ग्राम योजना’ लागू होने के नौ माह बीत जाने के बावजूद 108 सांसदों ने अब तक किसी गांव को नहीं अपनाया है. ऐसे सांसदों में सबसे ज्यादा 55 पश्चिम बंगाल से हैं. ग्रामीण विकास मंत्री बीरेंदर सिंह चौधरी ने शुक्रवार को इन सांसदों से ‘मुख्यधारा’ से जुड़ने और एक गांव को अपनाने को कहा. उन्होंने यह भी वादा किया कि यदि इस संबंध में उनके समक्ष कोई बाधा आती है, तो सरकार उसे दूर करेगी.मंत्री ने स्पष्ट किया कि पश्चिम बंगाल के दो लोकसभा सदस्य पहले ही एक-एक गांव को अपना चुके हैं. उन्होंने इस सवाल का कोई जवाब नहीं दिया कि क्या राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस इस मामले में राजनीति कर रही है? तृणमूल के सौगत राय ने इससे पूर्व कहा था कि उनके सांसद धन की कमी के कारण इस पहल में शामिल नहीं हुए. इस योजना के लिए अलग से कोई धन नहीं है, जो पहल आधारित कार्यक्रम है.
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108 सांसदों ने नहीं अपनाया कोई गांव
बंगाल में सबसे बुरा हाल55 सांसदों ने गोद नहीं लिया गांव46 सांसद हैं तृणमूल के34 लोकसभा में12 राज्यसभा मेंइन्होंने भी गोद नहीं लिया गांवत्रमाकपा महासचिव सीताराम येचुरीत्रकांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरीसांसद बोलेत्रसहायता और धन के बिना योजना के तहत कोई ढांचागत कार्य करवाना संभव नहींत्रयोजना के लिए ‘प्रभारी अधिकारियों’ की नियुक्ति में ली जाये सांसदों […]
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