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जो सुविधा है ही नहीं, उसका भी टैक्स
उत्तम महतो रांची : रांची नगर निगम नाग्रिकों को सुविधाएं देने में भले ही असफल हो लेकिन टैक्स लेने में इसका कोई सानी नहीं है. नगर निगम वैसे टैक्स भी वसूलता है, जिसकी सुविधा वह लोगों को नहीं देता. होल्डिंग टैक्स के साथ एजुकेशन सेस और हेल्थ सेस भी निगम वसूलता है. जबकि निगम द्वारा […]
उत्तम महतो
रांची : रांची नगर निगम नाग्रिकों को सुविधाएं देने में भले ही असफल हो लेकिन टैक्स लेने में इसका कोई सानी नहीं है. नगर निगम वैसे टैक्स भी वसूलता है, जिसकी सुविधा वह लोगों को नहीं देता. होल्डिंग टैक्स के साथ एजुकेशन सेस और हेल्थ सेस भी निगम वसूलता है.
जबकि निगम द्वारा वर्तमान में शहरी क्षेत्र में कोई स्कूल-कॉलेज या अस्पताल संचालित नहीं किये जाते. हालांकि निगम का एक अस्पताल न्यू मार्केट चौराहा के पास है, जिसका संचालन निजी हाथों में है. इस अस्पताल संचालक द्वारा जांच व इलाज के लिए मोटी रकम शुल्क के रूप में ली जाती है. राजधानी के लगभग 14 लाख लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना रांची नगर निगम का दायित्व है.
इनमें शहर की साफ-सफाई, शहर में रोशनी, साफ-सुथरी नालियां, मच्छरों के प्रकोप से मुक्ति दिलाना, आवारा पशुओं, कुतों से निजात दिलाना, मुहल्लों की गलियां, ओपेन स्पेस में पार्किग की सुविधा, शहर को अतिक्रमण मुक्त रखना सहित अन्य नागरिक सुविधाएं शामिल हैं. इसके बदले टैक्स तय करने व वसूलने का अधिकार भी निगम को मिला हुआ है. स्थिति यह है कि शहर को साफ-स्वच्छ रखने व नागरिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के बदले निगम टैक्स वसूली को ही प्राथमिकता देता है.
टैक्स वसूली की प्रक्रिया में भी कई खामियां हैं. उस सुविधा के लिए भी टैक्स वसूला जा रहा है, जो नगर निगम उपलब्ध नहीं कराता.
एक ही सुविधा के लिए दो-दो बार टैक्स
नगर निगम के वरीय अधिकारियों की पूरी जानकारी में एक ही सुविधा के लिए दो-दो बार टैक्स वसूला जाता है. होल्डिंग टैक्स चुकाने के समय लोगों से वाटर टैक्स व लैट्रिन टैक्स वसूला जाता है. वाटर टैक्स के रूप में किसी भी भवन मालिक को हर माह अलग से पानी का बिल दिया जाता है. यदि लैट्रिन टैंक की सफाई की जरूरत है, तो उसके लिए अलग से 1250 रुपये लिया जाता है.
ऐसे समङों टैक्स का गणित
लालपुर स्थित पीस रोड में आलोक मुखर्जी ने 1750 वर्गफीट का एक फ्लैट खरीदा है. फ्लैट में रह रहे आलोक को प्रति वर्ष 245 रुपया होल्डिंग टैक्स देना पड़ता है. साथ ही उससे वाटर टैक्स के रूप में 12.50 प्रतिशत जल कर, एजुकेशन सेस के रूप में पांच प्रतिशत, स्वास्थ्य सेस के रूप में 6.5 प्रतिशत व लैट्रिन सेस के रूप में 7.5 प्रतिशत शुल्क लिया जाता है. इस तरह होल्डिंग टैक्स की यह राशि आलोक के लिए प्रति वर्ष 800 रुपये हो जाती है.
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