रांची: झारखंड में खाद्य सुरक्षा कानून की जरूरतों को पूरा करने के लिए हम तैयार हैं. अभी झारखंड को भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) हर माह 1.10 लाख टन अनाज उपलब्ध कराता है.
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून लागू होने के बाद हर माह लगभग 1.40 लाख टन अनाज की जरूरत होगी. यानी अभी के मुकाबले 30 हजार टन अधिक अनाज प्रति माह उपलब्ध कराने होंगे. वहीं अनाज के भंडारण की क्षमता डेढ़ लाख टन से बढ़ा कर छह लाख टन की जानी है. इस पूरे प्रबंधन के लिए हम तैयार हैं. एफसीआइ के सीएमडी सी विश्वनाथ ने यह बात कही. खाद्य आपूर्ति सचिव के साथ बैठक के बाद होटल बीएनआर चाणक्य में वह संवाददाताओं से बात कर रहे थे.
विश्वनाथ ने कहा कि दुमका व मधुपुर में रेलवे रैक की हैंडलिंग क्षमता बढ़ायी गयी है. निकट भविष्य में लोहरदगा व धालभूमगढ़ के रेल हेड का भी इस्तेमाल होगा. विश्वनाथ ने बताया कि खाद्य आपूर्ति सचिव अजय कुमार सिंह से मध्याह्न् भोजन के पैसे क्लियर करने का आग्रह किया गया है. अभी इस मद के 16 करोड़ रु शेष हैं, जिसे राज्य सरकार ने अक्तूबर तक दे देने की बात कही है. उन्होंने इस बात पर चिंता जतायी कि राज्य सरकार ने गोदाम के लिए जमीन तो उपलब्ध करा दी है, लेकिन इनके लिए किसी संवेदक ने टेंडर नहीं भरा.