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धरना-प्रदर्शन में तोड़फोड़ हुई, तो पांच साल तक जेल
राज्य सरकार बना रही है कानून विस्फोटक का इस्तेमाल होने पर एक से 10 साल की सजा लाठी या चाकू जैसे अस्त्र-शस्त्र लेकर चलने पर भी लगेगा प्रतिबंध रांची : धरना-प्रदर्शन, बंद, जुलूस व हड़ताल के दौरान तोड़फोड़ या आगजनी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए राज्य सरकार कानून बना रही है. […]
राज्य सरकार बना रही है कानून
विस्फोटक का इस्तेमाल होने पर एक से 10 साल की सजा
लाठी या चाकू जैसे अस्त्र-शस्त्र लेकर चलने पर भी लगेगा प्रतिबंध
रांची : धरना-प्रदर्शन, बंद, जुलूस व हड़ताल के दौरान तोड़फोड़ या आगजनी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए राज्य सरकार कानून बना रही है. सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के आलोक में कानून तैयार कर रही है. गृह विभाग ने जो प्रस्ताव तैयार किया है, उसके मुताबिक धरना-प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ या आगजनी की घटना होने पर आयोजन करने वालों को छह माह से पांच साल तक की जेल और जुर्माना का प्रावधान किया गया है.
पांच साल जेल और जुर्माना का प्रावधान निजी और सरकारी दोनों तरह की संपत्ति का नुकसान होने पर लागू होगा. धरना-प्रदर्शन के दौरान विस्फोटक का इस्तेमाल करने पर कम से कम एक साल और अधिकतम दस साल की सजा का प्रावधान होगा.
आयोजनकर्ता का क्या होगा कर्तव्य
गृह विभाग ने जो प्रस्ताव तैयार किया है, उसमें धरना-प्रदर्शन, बंद या हड़ताल का आयोजन करने वाले संगठन के कर्तव्य व जिम्मेदारियां भी तय की गयी हैं. आयोजनकर्ता को पुलिस से मिल कर धरना-प्रदर्शन, बंद व हड़ताल का रूट तय करना होगा. साथ ही यह कहना होगा कि कार्यक्रम शांतिपूर्वक होगा. आयोजनकर्ता को चौक-चौराहों (जहां से जुलूस आदि गुजरेगी) पर अपने लोगों को तैनात करना होगा, जो शांति के साथ कार्यक्रम को आगे बढ़ायेंगे.
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