अगरतला. राज्य में उग्रवाद की घटनाओं में आयी कमी को देखते हुए बुधवार को त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने राज्य से सशस्त्र सेना विशेषाधिकार कानून (आफस्पा) हटा लिये जाने की घोषणा की. 16 फरवरी 1997 से राज्य में लागू इस कानून को हटाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जब यह कानून लागू किया गया था, उस समय त्रिपुरा हर रोज उग्रवादी घटनाओं, हिंसा और खून-खराबे से जूझ रहा था. कायदे के अनुसार, तब से लेकर अब तक हर छह महीने में इस कानून की समीक्षा होती थी और इसे अगले छह माह के लिए लागू कर दिया जाता था. लेकिन बीते कुछ माह में उग्रवादी और अतिवादी गतिविधियां घट कर शून्य पर आ गयी हैं, ऐसे में यह कदम उठाने का सबसे सही समय है. मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने आगे कहा कि आफस्पा कानून को हटाने की मांग लंबे समय से विभिन्न स्तरों से उठ रही थी, लेकिन इस मामले में हमारे हाथ बंधे थे, चूंकि सुरक्षा बल हमें इसकी इजाजत नहीं दे रहे थे. माणिक सरकार ने कहा कि त्रिपुरा में कानून और व्यवस्था की स्थिति सुधरने के साथ यह राज्य के लोगों के लिए यह एक अच्छी खबर है और हम आशा करते हैं कि अब यह राज्य देश के अन्य राज्यों के साथ विकास की राह पर तेजी से दौड़ सकेगा.
त्रिपुरा ने आफस्पा हटाया
अगरतला. राज्य में उग्रवाद की घटनाओं में आयी कमी को देखते हुए बुधवार को त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने राज्य से सशस्त्र सेना विशेषाधिकार कानून (आफस्पा) हटा लिये जाने की घोषणा की. 16 फरवरी 1997 से राज्य में लागू इस कानून को हटाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जब यह कानून लागू किया गया […]
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