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प्रशासनिक स्वीकृति के बिना ही 755 करोड़ रुपये का टेंडर

पेयजल स्वच्छता विभाग रांची : पेयजल स्वच्छता विभाग ने प्रशासनिक स्वीकृति के बिना ही 755 करोड़ रुपये की 33 योजनाओं का टेंडर प्रकाशित कर दिया है. इनमें से कुछ के टेक्निकल बिड खोले जा चुके हैं. कुछ योजनाओं में प्रशासनिक स्वीकृति के बिना ही तीन-तीन बार टेंडर निकाले जा चुके हैं. विभागीय सचिव एपी सिंह […]

पेयजल स्वच्छता विभाग
रांची : पेयजल स्वच्छता विभाग ने प्रशासनिक स्वीकृति के बिना ही 755 करोड़ रुपये की 33 योजनाओं का टेंडर प्रकाशित कर दिया है. इनमें से कुछ के टेक्निकल बिड खोले जा चुके हैं. कुछ योजनाओं में प्रशासनिक स्वीकृति के बिना ही तीन-तीन बार टेंडर निकाले जा चुके हैं.
विभागीय सचिव एपी सिंह ने इंजीनियरों के इस काम पर नाराजगी जतायी है.नियमानुसार किसी भी योजना का तकनीकी और प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद ही टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जानी है. पर, पेयजल विभाग के इंजीनियरों ने काम जल्दी करने के नाम पर बिना प्रशासनिक स्वीकृति के ही नेशनल रूरल ड्रिंकिंग वाटर प्रोग्राम से जुड़ी 33 योजनाओं का टेंडर प्रकाशित कर दिया.
सभी योजनाएं 12 जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप लाइन से पेयजलापूर्ति की है. इसमें रांची, जमशेदपुर, धनबाद, साहेबगंज, मेदिनीनगर, सिमडेगा, गुमला, चतरा, गिरिडीह, कोडरमा, गोड्डा और देवघर शामिल है.
विभाग के रांची पश्चिम प्रमंडल ने इरबा पेयजलापूर्ति योजना के तहत पानी रोकने के लिए मेढ़ बनाने के काम का टेंडर निकाल कर उसका रेट बिड भी खोल दिया है.
गुमला जिले में भी खरका पेयजलापूर्ति योजना के तहत पानी रोकने के लिए मेढ़ बनाने के काम के लिए टेंडर निकाला गया.
हालांकि किसी ठेकेदार द्वारा इसमें हिस्सा नहीं लेने की वजह से दो बार टेंडर रद्द किया गया. इस काम के लिए अब तीसरी बार टेंडर प्रकाशित किया गया है. हालांकि अब तक इस योजना की प्रशासनिक स्वीकृति नहीं मिली है.

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