इटखोरी- : 1 प्रवचन करते उमाकांत सरस्वती जी.इटखोरी. रामकथा समस्त मानव जाति के लिए पथ प्रदर्शक है. कथा भक्ति का साधन है. रामकथा से भवसागर का पार लग सकता है. उक्त बातें महा मंडलेश्वर डॉ उमाकांत नंद सरस्वती जी महाराज ने खरौधा में आयोजित रामकथा के दौरान कही. उन्होंने कहा कि वाणी के बिना विवेक अधूरा होता है. वाणी व विवेक का संतुलन होना चाहिए. विश्वास से सब कुछ प्राप्त किया जा सकता हैं. हमारी सोच सही दिशा में लगे, तो उसे प्राप्त कर लेंगे. रामकथा एक नौका के समान है. महाराज जी ने कहा कि ईश्वर ने सभी मनुष्य को एक समान बनाया है. हम जैसा सोचते हैं, वैसा ही व्यवहार बनता है. व्यवहार को ही कर्म कहते हैं. सत्संग मनुष्य को अच्छे कर्मों की ओर ले जाता है. उनके साथ आये भजन मंडली के कलाकार श्याम कुमार, मनीष पाठक, शंकर गोस्वामी, राज बल्लभ, धर्मेंद्र ओझा, प्रेमचंद्र ने भजन प्रस्तुत कर दर्शकों को झुमाया.
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कथा भक्ति का साधन है : उमाकांत सरस्वती
इटखोरी- : 1 प्रवचन करते उमाकांत सरस्वती जी.इटखोरी. रामकथा समस्त मानव जाति के लिए पथ प्रदर्शक है. कथा भक्ति का साधन है. रामकथा से भवसागर का पार लग सकता है. उक्त बातें महा मंडलेश्वर डॉ उमाकांत नंद सरस्वती जी महाराज ने खरौधा में आयोजित रामकथा के दौरान कही. उन्होंने कहा कि वाणी के बिना विवेक […]
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