रथ के माध्यम से सभी जिलों के चौक-चौराहों पर भाजपा द्वारा किये गये चुनावी वायदों को पूरा नहीं किये जाने की जानकारी लोगों को दी जायेगी. प्रदेश में युवा नीति की घोषणा सरकार से जल्द करने की मांग की जायेगी. 15 जून को मोरहाबादी मैदान में युवा सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा. जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, झारखंड के प्रदेशाध्यक्ष जलेश्वर महतो के अलावा बिहार के कई मंत्री शिरकत करेंगे. डॉ पांडेय ने कहा कि भाजपा के लोग अब चुनावी वायदों को जुमला का रूप दे रहे हैं, जिसे किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जायेगा. बैठक में पप्पू पांडेय, अरूप घोष, तरणदीप सिंह, अंगद राज, मोहम्मद रफीक, पप्पू सिंह, मोहम्मद दानिश, राजीव ओझा, संतोष सामंत, घनश्याम कर्मकार, दिनेश गोराई, उत्तम दास, मनिंदर सिंह के अलावा काफी लोग उपस्थित थे. कार्यक्रम के अंत में मोहम्मद खुर्शीद के नेतृत्व में सैकड़ों युवाओं ने जदयू की सदस्यता हासिल की.
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हर जिले में 50 हजार सदस्य बनायेगा जदयू
जमशेदपुर: युवा जदयू के प्रदेशाध्यक्ष डॉ पवन कुमार पांडेय ने निर्मल महतो गेस्ट हाउस में रविवार को आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सभी जिलों में 50-50 हजार नये सदस्य बनाये जायेंगे. 30 मई से युवा जगाओ झारखंड बचाओ रथ निकाला जायेगा, जो पूरे झारखंड में घूमेगा. रथ के माध्यम से सभी जिलों […]
जमशेदपुर: युवा जदयू के प्रदेशाध्यक्ष डॉ पवन कुमार पांडेय ने निर्मल महतो गेस्ट हाउस में रविवार को आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सभी जिलों में 50-50 हजार नये सदस्य बनाये जायेंगे. 30 मई से युवा जगाओ झारखंड बचाओ रथ निकाला जायेगा, जो पूरे झारखंड में घूमेगा.
जानिये गणित में राज्य में टॉप पर रहे विद्यालय को
वर्ष 2015 की मैट्रिक परीक्षा में गणित विषय का अंक अन्य विषयों की तुलना में कम मिला. परीक्षा में शामिल 4,55,829 परीक्षार्थियों का गणित में औसत अंक 50 रहा. गत वर्ष की तुलना में गणित में विद्यार्थियों के औसत अंक में चार अंक की कमी आयी. गणित का रिजल्ट खराब होने की स्थिति में भी राज्य के लगभग दो दर्जन से अधिक विद्यालयों में गणित का रिजल्ट काफी बेहतर रहा. इन विद्यालयों में गणित में विद्यार्थियों का औसत अंक 80 फीसदी से अधिक रहा. प्रभात खबर वैसे विद्यालयों के गणित शिक्षक के पठन-पाठन के तरीके व उनके द्वारा किये गये प्रयास के बारे में खबर प्रकाशित कर रहा है.
संत मेरी हिंदी स्कूल में चला था स्पेशल क्लास
मैट्रिक परीक्षा-2015 में गणित विषय में बिष्टुपुर स्थित संत मेरी हिंदी स्कूल के विद्यार्थियों का गणित विषय में औसत अंक 86 फीसदी रहा. स्कूल के तीन विद्यार्थियों को मैथ में 100 व चार को 99 अंक मिले हैं.
स्कूल की प्रधानाध्यापिका सिस्टर प्रेम लता व मैथ टीचर निशा रानी खलखो मानती हैं कि मैथ से बच्चे थोड़ा भागते हैं, लेकिन इस विषय के प्रति उनमें रुचि उत्पन्न करना जरूरी है. इसके लिए स्कूल में पूर्व के वर्षो में तीन दिवसीय सेमिनार कराया गया था, जिसमें मेंटल मैथ आदि के माध्यम से बच्चों को यह समझाने का प्रयास किया गया कि मैथ उबाऊ नहीं, बल्कि एक रुचिकर विषय है. इसके साथ ही स्कूल अवधि के बाद अतिरिक्त कक्षाएं आरंभ की गयीं, जिसमें मैथ व इंगलिश पर विशेष ध्यान दिया गया. तब बच्चों में अतिरिक्त कक्षाओं को लेकर भी बहुत रुचि नहीं थी, लेकिन पिछले वर्ष मैट्रिक का रिजल्ट आया और स्कूल के कई बच्चों ने मैथ में शत-प्रतिशत अंक हासिल किये, तो जूनियर बच्चों की रुचि बढ़ी.
निशा रानी ने बताया कि इन कक्षाओं के अलावा टिफिन के समय या लेजर पीरियड में भी विद्यार्थी नि:संकोच आ कर सवालों की परेशानी बताते हैं. उन्हें समझाया जाता है. स्कूल में सेंट अप टेस्ट समेत पांच परीक्षाएं व सेंट अप टेस्ट के बाद स्पेशल कक्षाएं संचालित होती हैं. मॉडल प्रश्नों को दोहराने के साथ ही प्रैक्टिस करायी जाती है. उन्होंने बताया कि विद्यार्थी जितनी बार पूछें उन्हें समझाया व बार-बार प्रैक्टिस कराया जाये, तो ऐसा कोई सवाल नहीं जिसे वे हल नहीं कर सकेंगे.
मॉडल प्रश्नों को हल कराया : उमेश तिवारी
इस बार मैट्रिक परीक्षा में मैथ में बिष्टुपर स्थित डीएन कमानी हाई स्कूल का गणित में रिजल्ट औसतन 81 प्रतिशत रहा है. स्कूल से 112 विद्यार्थी इस परीक्षा में शामिल हुए थे. जिनमें 42 विद्यार्थियों को 90 प्रतिशत से अधिक अंक मिले हैं. स्कूल के मैथ टीचर उमेश कुमार तिवारी ने बताया कि क्लास में बच्चों को सिलेबस के अनुसार पढ़ाई करायी गयी. इसके अलावा शुरू से ही मॉडल प्रश्नों को हल कराया. उन्हें बताया कि किस चैप्टर से कैसे और कितने अंक के सवाल आ सकते हैं. स्कूल स्तर पर होनेवाली प्रत्येक परीक्षा का प्रश्नपत्र बोर्ड परीक्षा को ध्यान में रख कर ही तैयार किया जाता है. ताकि विद्यार्थी प्रश्नपत्र के पैटर्न आदि को भी अच्छी तरह समझ लें. इसके अलावा कमजोर विद्यार्थियों को चिह्न्ति कर उनके लिए अलग से कक्षाओं का संचालन किया. स्कूल में विद्यार्थियों के साथ मित्रवत व्यवहार करते हैं, ताकि सवाल पूछने को लेकर वे कभी संकोच न करें. सेंट अप टेस्ट से पहले ही रीविजन राउंड आरंभ कर दिया गया था, ताकि सवालों को दोहराने के साथ ही विद्यार्थी प्रश्नपत्र के पैटर्न को और बेहतर तरीके से समझ लें.
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