रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झारखंड में गो हत्या व गो मांस के व्यापार पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है. इसे लेकर मुख्य सचिव राजीव गौबा ने गृह व पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की है. मुख्य सचिव के निर्देश पर पशुपालन विभाग ने उपायुक्तों को पत्र लिखा है. इसमें कहा है कि झारखंड में गो हत्या दंडनीय है. गो मांस का व्यापार पूरी तरह से प्रतिबंधित है. इसे कड़ाई से लागू किया जाये. पशुपालन सचिव डॉ प्रदीप कुमार ने बताया : गो हत्या रोकने के लिए उपायुक्तों को जिला स्तरीय टीम गठित करने का निर्देश दिया है.
दो परिस्थितियों में ही स्वीकार्य होगा गो हत्या : झारखंड में गो हत्या सिर्फ दो परिस्थितियों में ही स्वीकार्य है. असाध्य बीमारी या अत्यंत पीड़ा होने की स्थिति में ही गो हत्या गलत नहीं होगी. इन दोनों परिस्थितियों के अलावा किसी भी अन्य स्थिति में गो हत्या दंडनीय अपराध है. मुख्य सचिव ने गो हत्या कानून को बेहतर तरीके से लागू करने के लिए दिशा-निर्देश दिये हैं. मारने के उद्देश्य से ले जाये जा रहे पशुओं को जब्त कर किसानों को देने का नियम बनाने पर काम हो रहा है.
कई राज्यों में प्रतिबंधित है गो वंश का व्यापार : गो वंश का व्यापार देश के कई राज्यों में प्रतिबंधित है. गुजरात में गो हत्या रोकने के लिए बनाये गये नियमों का कठोरता से पालन किया जाता है. हाल के दिनों में महाराष्ट्र और हरियाणा में भी गो वंश के व्यापार व गो हत्या को प्रतिबंधित किया गया है. इन राज्यों में प्रतिबंधित मांस के व्यापार में संलिप्त पाये जाने पर कठोर कार्रवाई का प्रावधान है.
2005 में ही वजिर्त की गयी थी
झारखंड में गो हत्या 2005 में ही वजिर्त कर दी गयी थी. तत्कालीन मुख्यमंत्री अजरुन मुंडा के कार्यकाल में इससे संबंधित नियमावली तैयार की गयी थी. इसे कैबिनेट ने मंजूरी प्रदान की थी. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पूर्व की नियमावली में आवश्यक संशोधन के साथ गो हत्या व गो मांस के व्यापार पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है.
खुले में मांस बेचने पर दंड
मुख्यमंत्री ने राज्य में खुले में भेड़-बकरी के मांस बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है. सरकार ने पूर्व में भी स्वास्थ्य कारणों से खुले में भेड़-बकरी के मांस बेचने पर पाबंदी लगायी थी. ऐसी दुकानों को शीशे से घेर कर ही व्यापार करने की अनुमति देने का प्रावधान लागू किया है. मांस के व्यापार केंद्र को एयर कंडीशन बनाने की बात भी कही गयी है. उपायुक्तों को खुले में भेड़-बकरी का मांस बेचनेवाले को दंडित करने के निर्देश दिये गये हैं.