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स्कूल में नहीं, खुद सीखने वाले

दुनिया में कई लोग ऐसे हैं, जिन्होंने न तो पारंपरिक शिक्षा ग्रहण की और न ही महाविद्यालय-विश्वविद्यालय का मुंह देखा. ऐसी शख्सियतें उन लोगों खास कर बच्चों को जीने-आगे बढ़ने का संबल देती हैं, जो पढ़ने-लिखने में या तो औसत हैं, या फिर औसत से भी कम. पढ़ने-लिखने, सीखने तथा जीवन में आगे बढ़ने के […]

दुनिया में कई लोग ऐसे हैं, जिन्होंने न तो पारंपरिक शिक्षा ग्रहण की और न ही महाविद्यालय-विश्वविद्यालय का मुंह देखा. ऐसी शख्सियतें उन लोगों खास कर बच्चों को जीने-आगे बढ़ने का संबल देती हैं, जो पढ़ने-लिखने में या तो औसत हैं, या फिर औसत से भी कम. पढ़ने-लिखने, सीखने तथा जीवन में आगे बढ़ने के लिए पारंपरिक शिक्षा का होना जरूरी नहीं है. दुनिया के कई बड़े व महान लोगों की जीवनी यही बताती है. ……………………थॉमस एडिसन थॉमस का जन्म 11 फरवरी 1847 को हुआ था. पढ़ाई मे फिसड्डी थॉमस एडिसन ने अपने शिक्षक की फटकार से अपमानित हो कर स्कूल छोड़ दिया था. बाद में यह अमेरिकी बच्चा दुनिया का महान अविष्कारक बना. बिजली के बल्ब, मोशन पिक्चर कैमरा व साइंड रेकॉर्डिंग मशीन इजाद करने के लिए दुनिया थॉमस एडिसन को जानती है. …………………रिचर्ड ब्रानसन लंदन में 18 जुलाई 1950 को जन्में रिचर्ड ब्रिटेन के 10 सबसे धनी व्यक्तियों में शुमार हैं. वह विर्जिन ग्रुप ऑफ कंपनी के मालिक हैं, जिसमें कुल चार सौ कंपनियां शुमार है. इस अमीर शख्स ने अपना एक द्वीप खरीद रखा है, जहां वे छुट्टियां मनाते हैं. रिचर्ड स्कूल ड्रॉप आउट थे. जीवन की ज्यादातर सीख उन्हें स्वाध्याय से ही मिली है. शिक्षकों ने स्कूल में उनसे उम्मीदें छोड़ दी थी. ……………………….अब्राहम लिंकन अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने कभी स्कूल का मुंह नहीं देखा था. बिना पारंपरिक शिक्षा के लिंकन दुनिया के महान नेता बने. 12 अप्रैल 1809 को जन्म लेने वाले लिंकन चार फरवरी 1861 को अमेरिका के राष्ट्रपति बने. अब्राहम लिंकन को महिला अधिकार, लैंगिक समानता व मौलिक अधिकारों के प्रति संवेदनशील नेता के रूप में याद किया जाता है.

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