रांचीः केंद्र सरकार ने झारखंड को आगाह किया है कि यहां बिकनेवाले कुल नमक का करीब 46 फीसदी में आयोडिन की मात्र कम या नहीं है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रलय के महानिदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं डॉ जगदीश प्रसाद ने लिखा है कि झारखंड में स्वास्थ्य के लिए जरूरी 15 पार्ट्स/मिलियन (पीपीपी) से कम मात्र वाले नमक की बहुलता राष्ट्रीय आयोडिन अल्पता विकार कार्यक्रम में बाधा है.
राज्य सरकार से सिस्टम में सुधार का आग्रह किया गया है. इधर केंद्र की इस चिट्ठी के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप है. इसी चिट्ठी के आलोक में दो सितंबर को कम आयोडिन या बगैर आयोडिन वाले नमक की बिक्री पर रोक लगाने के लिए एक बैठक का आयोजन किया गया है. यह बैठक राज्य खाद्य प्रयोगशाला में लोक खाद्य विश्लेषक जेके सिंह की अध्यक्षता में होगी.
इससे पहले 20 अगस्त तक जमशेदपुर व देवघर सहित विभिन्न जिलों से नमक के 23 सैंपल लिये गये थे. इनमें से करीब 30 फीसदी अमानक (छह से 10 पीपीएम वाले) स्तर के पाये गये हैं. ये बिना ब्रांड वाले वैसे नमक हैं, जो धनुष, तीर या किसी भी नाम से बिकते हैं. इधर 20 अगस्त के बाद तीन-चार सैंपल और लिये गये हैं. विभाग का आयोडिन सेल खाद्य निरीक्षकों की सहायता से सड़क मार्ग से आ रहे ट्रकों, रेलवे स्टेशन पर उतरे रैक व नमक गोदामों से और सैंपल इकट्ठा करने का निर्णय लिया है. राज्य खाद्य नियंत्रक डीपी वर्णवाल के अनुसार इसके लिए विशेष अभियान चलाने की योजना है.