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राज्य में खुलेंगे 57 नये कस्तूरबा गांधी स्कूल
नये प्रखंडों में सरकार खोलेगी आवासीय विद्यालय रांची : राज्य में 57 नये कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय खोले जायेंगे. राज्य सरकार ने इसकी सहमति दे दी है. प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने विद्यालय खोलने संबंधी सहमति पत्र झारखंड शिक्षा परियोजना को भेज दिया है. विभाग ने इसके लिए झारखंड शिक्षा परियोजना से प्रस्ताव देने को कहा […]
नये प्रखंडों में सरकार खोलेगी आवासीय विद्यालय
रांची : राज्य में 57 नये कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय खोले जायेंगे. राज्य सरकार ने इसकी सहमति दे दी है. प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने विद्यालय खोलने संबंधी सहमति पत्र झारखंड शिक्षा परियोजना को भेज दिया है. विभाग ने इसके लिए झारखंड शिक्षा परियोजना से प्रस्ताव देने को कहा है.
राज्य में वर्तमान में 203 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय हैं. 57 वैसे प्रखंड जिनमें कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय नहीं है, वहां विद्यालय खोले जायेंगे. झारखंड शिक्षा परियोजना ने विद्यालय खोलने के लिए सर्व शिक्षा अभियान के बजट में केंद्र सरकार से राशि की मांग की थी. केंद्र सरकार की ओर से राशि देने में असमर्थता जतायी गयी. इसके बाद राज्य सरकार ने अपने स्तर से विद्यालय खोलने का निर्णय लिया है.
उल्लेखनीय है कि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय केंद्र सरकार प्रायोजित योजना है. भारत सरकार ने वर्ष 2004 में महिला साक्षरता दर बढ़ाने के लिए कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय खोलने की योजना शुरू की थी. इसके तहत वैसे क्षेत्रों में लड़कियों के लिए आवासीय विद्यालय बनाया जाता है, जहां एसटी, एससी, ओबीसी व अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों में साक्षरता कम हो. केंद्र सरकार द्वारा यह विद्यालय कक्षा छह से आठ तक के लिए खोला गया था. बाद में राज्य सरकार ने इसमें मैट्रिक तक की पढ़ाई शुरू की. अब राज्य के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय को प्लस टू तक में उत्क्रमित कर दिया गया है.
आठवीं से प्लस टू तक हुआ अपग्रेड
राज्य में वर्तमान में 203 कस्तूरबा गांधी विद्यालय है. केंद्र प्रायोजित योजना के तहत संचालित विद्यालयों में पहले कक्षा आठ तक की पढ़ाई की व्यवस्था थी. बाद में कक्षा दस व फिर 12वीं तक अपग्रेड कर दिया गया.
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में प्रारंभ में कक्षा आठ तक के लिए एक सौ छात्राओं के नामांकन की व्यवस्था थी. बाद में राज्य सरकार ने कक्षा नौ व दस की पढ़ाई शुरू करने का निर्देश दिया. विद्यालय में छात्राओं की संख्या बढ़ कर सौ से दो सौ हो गयी.
फिर प्लस टू की भी पढ़ाई शुरू की गयी. अब छात्राओं की संख्या तीन सौ हो गयी है. हालांकि संसाधन में कोई खास बढ़ोतरी नहीं हुई. इस कारण छात्राओं को पढ़ाई से लेकर रहने तक में परेशानी हो रही है.
एससी-एसटी व अल्पसंख्यक छात्राओं के लिए 75 %आरक्षण
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में एससी-एसटी व अल्पसंख्यक विद्यालय की छात्राओं के लिए 75 फीसदी सीटें आरक्षित हैं. 25 फीसदी सीट पर भी बीपीएल छात्राओं का नामांकन होता है.
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय ऐसे क्षेत्र में खोला जाता है जहां जहां एसटी, एससी, ओबीसी व अल्पसंख्यक समुदायों की लड़कियों में साक्षरता कम हो. इन स्कूलों में पढ़नेवाली लड़कियों को किताब, भोजन आदि सरकार उपलब्ध कराती है. विद्यालय में कक्षा छह में वैसे छात्राओं का नामांकन लिया जाता है, जो किसी कारण से स्कूल जाना छोड़ चुकी रहती हैं.
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