राज्य के 88 फीसदी स्कूलों में अब तक बिजली नहीं पहुंची है. राष्ट्रीय स्तर पर स्कूलों में बिजली उपलब्धता 51 फीसदी है. झारखंड में बिजली की उपलब्धता राष्ट्रीय औसत से 43 फीसदी कम है. बिना बिजली के स्कूलों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ने की बात करना बेइमानी है. सरकार एक ओर स्कूल में आइटी की पढ़ाई शुरू करने की योजना बना रही है, वहीं दूसरी ओर स्कूलों में बिजली ही नहीं है.
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राज्य के 88% विद्यालयों में बिजली नहीं
रांची: राज्य के स्कूलों को संसाधन युक्त करने के लिए करोड़ों खर्च करने के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है. विभाग सरकारी स्कूलों को निजी स्कूल के बराबर लाने की बात कह रहा है, पर राज्य गठन के 14 वर्ष बाद भी सरकारी स्कूल संसाधन में निजी स्कूलों की तुलना में काफी […]
रांची: राज्य के स्कूलों को संसाधन युक्त करने के लिए करोड़ों खर्च करने के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है. विभाग सरकारी स्कूलों को निजी स्कूल के बराबर लाने की बात कह रहा है, पर राज्य गठन के 14 वर्ष बाद भी सरकारी स्कूल संसाधन में निजी स्कूलों की तुलना में काफी पीछे हैं.
एलिमेंट्री एजुकेशन ऑफ इंडिया एनयूइपीए व भारत सरकार द्वारा जारी डिस्ट्रिक्ट इंफॉरमेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन की ताजा रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य के सभी कोटि के स्कूलों को मिला कर मात्र 12 फीसदी स्कूल में ही बिजली कनेक्शन है. जबकि प्राथमिक विद्यालयों की स्थति और भी खराब है. राज्य में लगभग 41 हजार प्राथमिक व मध्य विद्यालय हैं. इन विद्यालयों में से मात्र चार फीसदी स्कूलों में अब तक बिजली पहुंच पायी है. स्कूलों में बिजली पहुंचने की रफ्तार भी काफी धीमी है. वर्ष 2010-11 से लेकर वर्ष 2013-14 के बीच मात्र दो फीसदी स्कूलों में ही बिजली पहुंच पायी. वर्ष 2010-11 में 10.39 फीसदी, 2011-12 में 11.10 फीसदी व वर्ष 2013-14 में 12 फीसदी स्कूलों में बिजली पहुंच सकी. प्राथमिक विद्यालयों में इस दौरान एक फीसदी विद्यालय में बिजली लगाने का काम नहीं हुआ. वर्ष 2010-11 में 4.44 फीसदी विद्यालयों में बिजली थी जो वर्ष 2013-14 में बढ़ कर 4.86 तक पहुंची.
बिजली लगी, बिल जमा नहीं : झारखंड के कई स्कूलों में बिजली तो लगी थी, पर बिल का भुगतान नहीं होने के कारण बाद में कनेक्शन काट दिया गया. स्कूलों के पास बिजली बिल जमा करने के लिए अलग से कोई राशि नहीं है. इस कारण विद्यालय बिल जमा नहीं कर पाये. स्कूलों में कंप्यूटर की पढ़ाई बंद हो गयी है.
झारखंड देश में 34वें स्थान पर
विद्यालयों में बिजली पहुंच के मामले में झारखंड का रैंक राज्य के ओवर ऑल रैंक से नीचे है. देश में झारखंड के स्कूलों का 33वां स्थान है. जबकि बिजली पहुंच के मामले में यह स्थान 34वां है. झारखंड से नीचे मात्र बिहार है. बिहार स्कूलों में बिजली पहुंच के मामले में 35वें स्थान पर है. बिहार से बेहतर स्थिति उत्तर प्रदेश की है.
उत्तराखंड व छत्तीसगढ़ आगे
झारखंड के साथ गठित हुए उत्तराखंड व छत्तीसगढ़ राज्यों की स्थति झारखंड से काफी बेहतर है. उत्तराखंड के 65 फीसदी स्कूलों व छत्तीसगढ़ के 51 फीसदी स्कूलों में बिजली कनेक्शन है. उत्तराखंड के 57 फीसदी प्राथमिक विद्यालय व छत्तीसगढ़ के 44 फीसदी प्राथमिक विद्यालयों में बिजली पहुंच गयी है. दोनों राज्यों में स्कूलों में बिजली लगाने की रफ्तार झारखंड से अधिक है.
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