रांची: हाइकोर्ट में बुधवार को मेडिकल कचरा के निष्पादन को लेकर दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई हुई. एक्टिंग चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस एस चंद्रशेखर की खंडपीठ ने झारखंड स्टेट प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के जवाब को असंतोषजनक बताते हुए नाराजगी जतायी.
खंडपीठ ने राज्य सरकार को विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. प्रदूषण बोर्ड से पूछा कि मेडिकल कचरा के उचित निष्पादन के लिए क्या-क्या कदम उठाये जा रहे हैं, उसकी जानकारी दी जाये.
खंडपीठ ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि सिर्फ नोटिस निर्गत किया जाता है. किसी के खिलाफ नोटिस जारी कर देना कार्रवाई नहीं है. भ्रष्टाचार के कई मामले उजागर हुए. क्या सरकार ने किसी पर कोई कार्रवाई भी की है? खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए चार सितंबर की तिथि निर्धारित की. प्रार्थी झारखंड ह्यूमन राइट्स कांफ्रेंस की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि रांची, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो में अस्पतालों द्वारा मेडिकल कचरा जहां-तहां फेंक दिया जा रहा है. कचरा के निष्पादन के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं है. इसका दुष्परिणाम मानव सहित पशु-पक्षी पर पड़ा है.