राज्य सरकार ने लिया निर्णय
रांची : झारखंड सरकार ने चार महत्वपूर्ण स्टेट हाइवे से होनेवाले विस्थापन पर पुनर्वास रिपोर्ट तैयार कराने का निर्णय लिया है. इसके लिए निबंधित स्वयंसेवी संस्थानों की मदद ली जायेगी. ये सभी पथ टू-लेन से फोर लेन में तब्दील किये जायेंगे.
राज्य सरकार ने दुमका-हंसडीहा (एसएच-17), गोविंदपुर-टुंडी-गिरिडीह (एसएच-13), खूंटी-तमाड़ (एसएच-13) और गिरिडीह-जमुआ-सारवां (एमडीआर-83 और 86) से होनेवाले 39,968 लोगों के विस्थापन के बाबत यह निर्णय लिया है. इन चारों पथों के लिए 75 हेक्टेयर से अधिक भूमि अधिग्रहित की जायेगी. इन पथों के लिए होनेवाले भूमि अधिग्रहण से 2865 घर और 2377 स्थायी प्रकार के सामुदायिक स्ट्रक्चर प्रभावित होंगे. इतना ही नहीं सड़क निर्माण को लेकर 242 वृक्ष भी काटे जायेंगे.
गिरिडीह-जमुआ-सारवां पथ का निर्माण एशियन डेवलपमेंट बैंक के सहयोग से किया जा रहा है, जबकि अन्य तीन सड़कें स्टेट हाइवे अथोरिटी की ओर से बनवायी जायेंगी. सरकार का निर्णय है कि विस्थापित परिवारों के उचित पुनर्वास और उनकी आजीविका को लेकर स्वंयसेवी संस्थानों से रिपोर्ट तैयार करायी जायेगी. यह रिपोर्ट जनगणना के आंकड़ों के अनुरूप तैयार की जायेगी. रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख रहेगा कि विस्थापित होनेवाले परिवारों के आय का मुख्य जरिया क्या है. उनके लिए स्वास्थ्य की क्या सुविधाएं सरकार प्रदान कर रही हैं. विस्थापित परिवार कहीं ह्यूमन ट्रैफिकिंग अथवा एचआइवी एड्स से ग्रसित तो नहीं हैं. इनके लिए कैसे जागरूकता कार्यक्रम चलाये जाये. इसकी जानकारी भी स्वंयसेवी संस्था को देनी होगी.