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सभी को मिलेगा अलग-अलग एरियर
केंद्र सरकार का निर्णय बदले जाने से अनुबंधकर्मियों में रोष रांची : एनआरएचएम, झारखंड के स्तर पर केंद्र सरकार का निर्णय बदल देने से करीब 1200 अनुबंध कर्मियों में रोष हैं. कंप्यूटर ऑपरेटर से लेकर, प्रबंधकीय व तकनीकी कार्य करने वाले वरीय कर्मियों में इसको लेकर गुस्सा व नाराजगी है. मामला वर्ष 2014-15 के एरियर […]
केंद्र सरकार का निर्णय बदले जाने से अनुबंधकर्मियों में रोष
रांची : एनआरएचएम, झारखंड के स्तर पर केंद्र सरकार का निर्णय बदल देने से करीब 1200 अनुबंध कर्मियों में रोष हैं. कंप्यूटर ऑपरेटर से लेकर, प्रबंधकीय व तकनीकी कार्य करने वाले वरीय कर्मियों में इसको लेकर गुस्सा व नाराजगी है. मामला वर्ष 2014-15 के एरियर (सालाना वृद्धि के एकमुश्त भुगतान) से जुड़ा है, जिसे सभी कर्मियों को दस फीसदी देने का निर्णय तत्कालीन मुख्य सचिव आरएस शर्मा की अध्यक्षता वाले शासी निकाय ने किया था.
तत्कालीन ( वर्तमान भी) स्वास्थ्य सचिव के विद्यासागर भी इससे सहमत थे. पर केंद्र ने एरियर पांच फीसदी कर दी. केंद्र का कहना था कि राज्य सरकार 10 फीसदी एरियर से सहमत थी, तो उसे केंद्र से पुन: आग्रह करना चाहिए था. इधर पांच फीसदी एरियर भुगतान के केंद्र के निर्णय को भी बदल दिया गया. अभियान निदेशक, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) ने अलग से एक कमेटी का गठन कर दिया. इसमें निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य डॉ सुमंत मिश्र, डॉ राकेश दयाल व डॉ एमएन लाल शामिल थे.
इस कमेटी ने सबको पांच फीसदी एरियर के निर्णय को बदल कर अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग (तीन, चार, पांच फीसदी) निर्धारित कर दिया. एनआरएचएम अनुबंध कर्मी इसे अपना हकमारी बता रहे हैं. उनका कहना है कि उन्हें वर्ष 2012-13 के एरियर का भुगतान अब तक नहीं किया गया है. वहीं वर्ष 2013-14 में 10 फीसदी एरियर का भुगतान हुआ. पर अब तीन, चार व पांच फीसदी की बात हो रही है. इस पूरे मामले को अनुबंध कर्मी हतोत्साहित करने वाला कदम बताते हैं.
इधर इस मुद्दे पर नामकुम स्थित एनआरएचएम मुख्यालय के कर्मचारियों ने पहले कार्य बहिष्कार किया, फिर शुक्रवार को एमडी से भी मुलाकात की. इसके बाद एमडी ने सूचना निकाल कर आश्वासन दिया है कि शासी निकाय के निर्णय के आलोक में कमेटी के निर्णय पर पुनर्विचार किया जायेगा.
वहीं कर्मियों से धैर्य रखने को भी कहा गया है. इधर एनआरएचएम कर्मियों का कहना है कि वह कार्य प्रभावित नहीं होने देंगे, लेकिन अपने हक के लिए वे इस बार किसी भी हद तक जा सकते हैं.
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