रांची: निगरानी मंत्रिमंडल ने एपीडीआरपी (एक्सेलरेटेड पावर डेवलपमेंट एंड रिफॉर्म प्रोग्राम) योजना में हुई 107 करोड़ की वित्तीय गड़बड़ी के आरोप में बिजली बोर्ड के पूर्व व वर्तमान अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति सोमवार को दे दी है.
मामले में निगरानी ने बिजली बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वीएन पांडेय, वीएन वर्मा, बोर्ड के मेंबर जीएनएस मुंडा, तीन प्रमुख अभियंता, चार वित्त पदाधिकारी और काम करनेवाली आठ कंपनियों के प्रतिनिधियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति मांगी थी. निगरानी मंत्रिमंडल ने निर्देश दिया है कि निगरानी के अधिकारी जिनसे पूछताछ कर चुके हैं और जिनके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं, उन्हीं पर प्राथमिकी दर्ज करे. मामले को लेकर बिजली बोर्ड के पूर्व चेयरमैन सहित कुछ अन्य लोगों से पहले ही पूछताछ हो चुकी है. अब निगरानी के अधिकारी एक- दो दिनों में प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार इन अधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज करेंगे.
जेरेडा में सोलर लाइट घोटाला : निगरानी मंत्रिमंडल ने जेरेडा में सोलर लाइट की खरीदारी और वितरण में हुई 24 करोड़ की गड़बड़ी में शामिल अधिकारियों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति दे दी.
इस मामले में निगरानी ने जरेडा के पूर्व निदेशक व आइएएस अधिकारी रहे संजय कुमार सिन्हा और एसइएच काजमी सहित अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति मांगी थी. इस मामले में भी निगरानी मंत्रिमंडल ने वैसे लोगों पर ही प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति दी है, जिनसे पूछताछ हो चुकी है और जिनके खिलाफ साक्ष्य मिले हैं.
कार्यपालक अभियंता पर भी होगी प्राथमिकी : निगरानी मंत्रिमंडल ने आय से अधिक संपत्ति मामले के आरोपी कार्यपालक अभियंता मृणाल कुमार के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति दे दी है. मृणाल कुमार के खिलाफ मंगलवार को प्राथमिकी दर्ज हो सकती है. इनके खिलाफ लोकायुक्त कार्यालय से निगरानी को शिकायत मिली थी. निगरानी की प्रारंभिक जांच में मामला सही पाया गया था.