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आधी राजधानी डेंजर जोन में
कई इलाकों में भूगर्भ जल का स्तर खतरनाक ढंग से गया नीचे रांची : राजधानी में जल संकट की समस्या प्रारंभ हो गयी है. राजधानी का आधा एरिया डेंजर जोन में पहुंच गया है. कई इलाके ऐसे हैं, जहां भूगर्भ जल का स्तर काफी नीचे चला गया है. शहर में डीप बोरिंग कराने को लेकर […]
कई इलाकों में भूगर्भ जल का स्तर खतरनाक ढंग से गया नीचे
रांची : राजधानी में जल संकट की समस्या प्रारंभ हो गयी है. राजधानी का आधा एरिया डेंजर जोन में पहुंच गया है. कई इलाके ऐसे हैं, जहां भूगर्भ जल का स्तर काफी नीचे चला गया है. शहर में डीप बोरिंग कराने को लेकर पिछले तीन माह में रांची नगर निगम के पास 80 आवेदन आये थे, जिनमें से 50 आवेदनों को निगम ने रिजेक्ट कर दिया. निगम अधिकारियों का कहना है कि डीप बोरिंग की संख्या जैसे-जैसे बढ़ेगी, जल स्तर उतना ही नीचे जायेगा. इसलिए जहां बहुत ही जरूरी है, वहीं पर डीप बोरिंग की अनुमति दी जायेगी.
इधर, भूगर्भ जल की स्थिति को देखते हुए नगर निगम ने वाटर बोर्ड कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी में सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड के वैज्ञानिक, पीएचइडी व निगम के अभियंताओं को रखा गया है. यह कमेटी ही भूगर्भ जल के आधार पर डीप बोरिंग देने या रिजेक्ट करने की अनुशंसा करती है.
खतरे की घंटी है यह : राजधानी के बहुमंजिली इमारतों में से अधिकतर में डीप बोरिंग के ही पानी का प्रयोग किया जाता है. एक ही अपार्टमेंट में काफी अधिक संख्या में लोगों के रहने से लोगों को पानी की आपूर्ति डीप बोरिंग से ही संभव है. इन अपार्टमेंटों के द्वारा 800 फीट से लेकर 1200 फीट तक गहरा कर पानी निकाला जाता है. जिस प्रकार से वाटर लेबल नीचे जा रहा है, उससे आनेवाले समय में नॉर्मल बोरिंग से लेकर डीप बोरिंग तक सभी के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है.
इन इलाकों में डीप बोरिंग की है मनाही
नगर निगम कमेटी ने डेंजर जोन में कांके रोड, रातू रोड, पिस्का मोड़, हरमू हाउसिंग कॉलोनी, अरगोड़ा, सकरुलर रोड, नामकुम के इलाके को रखा है. इन इलाकों में जल स्तर की गिरावट तेजी से हो रही है. इसलिए निगम प्रशासन इन इलाके में डीप बोरिंग का परमिशन नहीं दे रहा है. इन इलाकों में वर्तमान में जल स्तर सात मीटर से लेकर 13 मीटर तक नीचे चला गया है.
पांच सौ से अधिक मामले पहुंचे नगर निगम में
राजधानी में जल संकट का असर गली-मोहल्ले पर पड़ना शुरू हो गया है. इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि पिछले दो माह में पांच सौ से अधिक लोगों ने निगम में यह शिकायत की है कि उनकी बोरिंग से अब पानी नहीं निकल रहा है. कहीं-कहीं मोटर चलाने से मात्र पांच से 10 मिनट ही पानी आ रहा है, उसके बाद पानी आना बंद हो जाता है. हाल ही में थड़पखना में रहनेवाले लोग बोरिंग सूखने की शिकायत लेकर सड़क पर भी उतरे थे.
वाटर लेवल नीचे जाना शहर के लिए गंभीर
वाटर लेवल का नीचा जाना गंभीर है. भूगर्भ जल निदेशालय से हमें राजधानी के हर क्षेत्र के भूगर्भ जल स्तर का डाटा उपलब्ध कराया गया है. जिन-जिन क्षेत्रों में भूगर्भ जल का स्तर तेजी से नीचे जा रहा है, उन इलाकों में निगम डीप बोरिंग का परमिशन देने में परहेज कर रहा है. इसी के आधार पर डीप बोरिंग के आवेदनों को रिजेक्ट किया गया है.
ओमप्रकाश साह
अपर नगर आयुक्त निगम
पहुंचा सरकार का आदेश, आज से निगम में जमा होगा नक्शा
रांची : बहुमंजिली इमारतों के नक्शे की स्वीकृति पर लगायी गयी रोक राज्य सरकार ने हटा ली है. मंगलवार को राज्य सरकार की ओर से जारी आदेश नगर निगम पहुंचा. अब बहुमंजिली इमारतों के नक्शे जमा हो सकेंगे, साथ ही पूर्व से निगम में लंबित नक्शों का निबटारा भी अब निगम त्वरित गति से करेगा.
46 दिन में छोटा नक्शा, 51 दिन में होगा बड़ा नक्शा का निबटारा
राज्य सरकार की ओर से जारी निर्देश के आलोक में नगर आयुक्त प्रशांत कुमार ने नक्शा निष्पादन की प्रक्रिया को सरल बनाया है. आयुक्त द्वारा बनाये गये नये नियमों के तहत अब छोटे भवनों के नक्शे का निबटारा हर हाल में 46 दिनों के अंदर कर देना है. वहीं, बहुमंजिली इमारतों के नक्शे का निबटारा 51 दिनों में किया जाना है. आयुक्त ने जेइ, एइ, टाउन प्लानर से लेकर पदाधिकारियों के लिए समय निर्धारित किया है. नगर आयुक्त द्वारा की गयी इस व्यवस्था के तहत अब छोटे नक्शे का निबटारा अपर नगर आयुक्त के स्तर से ही हो जायेगा. वहीं, बड़े नक्शों की फाइल नगर आयुक्त तक पहुंचेगी.
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