विधानसभा में सोमवार को खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले, संसदीय कार्य, विधि विभाग, आपदा और योजना विकास विभाग के अनुदान मांग पर चर्चा थी.
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विपक्ष ने पहली बार लिया कटौती प्रस्ताव वापस
रांची: झारखंड विधानसभा के इतिहास में पहली बार एक नयी परंपरा की शुरुआत हुई. सरकार की अनुदान मांग पर चर्चा के बाद उत्तर से संतुष्ट विपक्ष ने कटौती प्रस्ताव वापस ले लिया. इस कारण खाद्य आपूर्ति विभाग का अनुदान मांग सर्वसम्मति से पारित हो गया. आम तौर पर विपक्ष के बहिष्कार के बाद ध्वनिमत से […]
रांची: झारखंड विधानसभा के इतिहास में पहली बार एक नयी परंपरा की शुरुआत हुई. सरकार की अनुदान मांग पर चर्चा के बाद उत्तर से संतुष्ट विपक्ष ने कटौती प्रस्ताव वापस ले लिया. इस कारण खाद्य आपूर्ति विभाग का अनुदान मांग सर्वसम्मति से पारित हो गया. आम तौर पर विपक्ष के बहिष्कार के बाद ध्वनिमत से कटौती प्रस्ताव पारित होता रहा है. कभी-कभी विधानसभा को कटौती प्रस्ताव पर मतदान भी करना पड़ा है.
इसमें खाद्य आपूर्ति व उपभोक्ता मामले का अनुदान मांग पारित होना था. विभाग ने 1220 करोड़ रुपये का अनुदान सदन में रखा था. प्रदीप यादव इस पर कटौती प्रस्ताव लाये थे. श्री यादव ने अपने भाषण के दौरान नमक खरीद में गड़बड़ी का मामला उठाया. श्री यादव का कहना था कि इसके टेंडर में सरकार ने गड़बड़ी की है. आपूर्तिकर्ता चयन में नियमों की अनदेखी कर महंगी कीमत पर नमक की खरीद की गयी है. इससे राज्य को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है. अगर सरकार इसकी जांच सीबीआइ से कराने का घोषणा करेगी तो कटौती प्रस्ताव वापस ले लेंगे. कटौती प्रस्ताव पर पक्ष और विपक्ष की चर्चा के बाद सरकार का जवाब रखते हुए खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने नमक खरीद की जांच विधानसभा की समिति से कराने का आग्रह विधानसभा अध्यक्ष से किया.
अध्यक्ष से आग्रह किया कि एक कमेटी बनाकर पूरे मामले की जांच करा लें. इसके बाद श्री राय ने श्री यादव द्वारा लाये गये कटौती प्रस्ताव को वापस लेने का आग्रह किया. श्री यादव ने मंत्री के आग्रह के बाद कहा कि जो बातें हमनें उठायी थी, श्री राय ने उनका जवाब दे दिया. लेकिन, यह कितनी पूरी होगी यह आनेवाला कल बतायेगा. इसके बाद श्री यादव ने कटौती प्रस्ताव वापस लेने की घोषणा की.
उपायुक्त स्तर पर ही होगा आपदा राहत का अनुमोदन : सीपी सिंह
मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि आपदा राहत का अनुमोदन अब उपायुक्त स्तर पर ही होगा. पहले यह आयुक्त के पास जाता था. सदन में दूसरे सत्र में सरकार की ओर से बोलते हुए श्री सिंह ने कहा कि राज्य में आपदा मोचन बल का गठन होगा. इसमें 100 लोगों को रखा जायेगा. इसकी प्रक्रिया चल रही है. आपदा से निबटने के लिए सभी जिलों को पहली किस्त के रूप में पांच-पांच लाख रुपये दिये गये हैं. जिलों की मांग पर 15 दिनों के अंदर और राशि भेज दी जायेगी. सरकार आपदा की श्रेणी बढ़ाने पर भी कैबिनेट में विचार करेगी.
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