रांची: 18 जुलाई को विश्वासमत के दौरान सदन से अनुपस्थित रहनेवाले और पार्टी ह्विप के उल्लंघन मामले में विधानसभा की सदस्यता से निलंबित किये जाने के खिलाफ झाविमो विधायक निजामुद्दीन अंसारी ने विस अध्यक्ष को पत्र लिख कर गुहार लगायी है. पत्र में श्री अंसारी ने बताया है कि वह ब्लड प्रेशर और हृदय रोग से पीड़ित हैं. अचानक जानलेवा दर्द शुरू होने के कारण 17 जुलाई को वह अचेतावस्था में चले गये थे.
सहयोगियों ने मुङो कोलकाता में भरती कराया. मैं विश्वासमत के अगले दिन 19 जुलाई को होश में आया. 24 जुलाई तक वहां मेरा इलाज चला. आर्थिक कारणों से फिर मुङो बोकारो अस्पताल में भरती कराया गया. झाविमो विधायक ने स्पीकर को बताया है कि विश्वासमत के दौरान मेरी अनुपस्थिति अनुशासनहीनता बतायी गयी है. कार्रवाई का आग्रह किया गया है. जबकि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है. वह सदन में जानबूझ कर नहीं आये थे. उस समय हॉस्पिटल में उनका उपचार चल रहा था.
उन्हें पार्टी द्वारा जारी किये गये ह्विप की जानकारी नहीं है. मेरे विरुद्ध लगाये गये आरोप निराधार और प्राकृतिक न्याय के खिलाफ हैं. इसलिए मुङो आरोप से मुक्त किया जाये. इधर, श्री अंसारी ने विधायक दल के नेता प्रदीप यादव को भी पत्र लिख कर कहा है कि उनके खिलाफ अनुशासनहीनता का आरोप न्यायसंगत नहीं है. पार्टी उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका दे. निलंबन की सूचना भी पार्टी की ओर से नहीं दी गयी है.