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मध्यस्थता के जरिये सुलझ रहे मामले

संवाददातारांची. मध्यस्थता के जरिये विवादों को सुलझाने की प्रवृत्ति में इजाफा हो रहा है. सिविल कोर्ट रांची के मध्यस्थता केंद्र में हर महीने लगभग 70-80 मामले मध्यस्थता के लिए आ रहे हैं. जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव रजनीकांत पाठक ने कहा कि मध्यस्थता के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ी है और इससे विवादों को […]

संवाददातारांची. मध्यस्थता के जरिये विवादों को सुलझाने की प्रवृत्ति में इजाफा हो रहा है. सिविल कोर्ट रांची के मध्यस्थता केंद्र में हर महीने लगभग 70-80 मामले मध्यस्थता के लिए आ रहे हैं. जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव रजनीकांत पाठक ने कहा कि मध्यस्थता के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ी है और इससे विवादों को आपसी सहमति से और कम समय में सुलझाया जा सकता है. अभी जितने मामले मध्यस्थता के लिए आ रहे हैं, उनमें लगभग 60 प्रतिशत मामलों में सेटलमेंट हो जाता है. क्या है मध्यस्थतामध्यस्थता में एक तटस्थ मध्यस्थ के जरिये विवादों को सुलझाया जा सकता है. यह तटस्थ मध्यस्थ न्यायिक पदाधिकारी/अधिवक्ता या कोई प्रशिक्षित पेशेवर हो सकते हैं. मध्यस्थ दोनों पक्षों के साथ बैठक कर उनके विवादों को आपसी सहमति से सुलझाने की कोशिश करते हैं. इस प्रक्रिया के जरिये कम समय में ही विवादों को सुलझाया जा सकता है. मध्यस्थता में पारिवारिक विवाद, सिविल व क्रिमिनल मामले व अन्य मामले आ रहे हैं. वाणिज्यिक कंपनियां भी मध्यस्थता के जरिये अपने विवादों को सुलझाने में आगे आ रही है क्योंकि इससे मुकदमे में होने वाला खर्च व समय की बचत होती है.

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