रांची: जल संसाधन विभाग ने गंगा नदी के पानी को साहेबगंज से देवघर लाने की योजना बनायी है. इसके लिए सरकार फिजिब्लिटी स्टडी करायेगी. इसी तरह सोन नदी के पानी से पलामू व गढ़वा में सिंचाई व पेयजल की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी. इस प्रोजेक्ट के लिए भी फिजिब्लिटी स्टडी होगी. विभाग के तहत पानी […]
रांची: जल संसाधन विभाग ने गंगा नदी के पानी को साहेबगंज से देवघर लाने की योजना बनायी है. इसके लिए सरकार फिजिब्लिटी स्टडी करायेगी. इसी तरह सोन नदी के पानी से पलामू व गढ़वा में सिंचाई व पेयजल की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी. इस प्रोजेक्ट के लिए भी फिजिब्लिटी स्टडी होगी. विभाग के तहत पानी पंचायत का गठन होना है.
सरकार ने पानी पंचायत में महिलाओं की अधिकाधिक भागीदारी सुनिश्चित कराने का निर्णय लिया है. इन पानी पंचायतों का संचालन महिलाओं के माध्यम से होगा. विभाग ने जलनीति का निर्धारण जल्द करने का निर्णय लिया है.
वहीं राज्य सिंचाई आयोग का भी गठन शीघ्र किया जाना है. जल संसाधन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2015-16 में पश्चिमी सिंहभूम की जलाशय योजना, गढ़वा की डोमनी नाला सिंचाई योजना, कोडरमा की तिलैया सिंचाई योजना तथा सिल्ली, देवघर की बुढ़ईन जलाशय योजना, रांची की राढ़ू जलाशय योजना के काम में तेजी लाने का निर्णय लिया है. इन योजनाओं के लिए सरकार ने फंड का प्रावधान किया है. बजटीय भाषण में सरकार ने बताया है कि स्वर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना के तहत इसके 127 किमी लंबे मुख्य नहर में से 113 किमी तक का कार्य पूर्ण हो चुका है. इससे 39 हजार हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई सुविधा उपलब्ध हुई है. वहीं प्रोजेक्ट के तहत खरकई बराज का निर्माण कार्य प्रगति पर है. उधर गालुडीह बराज से झारखंड की सीमा तक 2295 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायी गयी है. विभाग अपनी लघु, मध्यम व वृहद सिंचाई परियोजनाओं सहित बाढ़ नियंत्रण कार्यक्रम पर 2005 करोड़ रुपये खर्च करेगा.
सिंचाई की हालत ठीक नहीं
बजट झारखंड में सिंचाई की हालत बहुत अच्छी नहीं है. सरकारी आंकड़े के अनुसार कुल भूमि का 32 फीसदी ही सिंचित क्षेत्र है. पिछली सरकार ने आठ योजनाओं की घोषणा तो की पर इना निर्माण शुरु नहीं हुआ. इस सरकार ने जरूरी परियोजनाओं के लिए पैसा दिया है. लगता है कि यह सिंचाई करना चाहती है.
अब तक पूरी नहीं हो सकीं
स्वर्णरेखा प्रोजेक्ट पर काम योजना के अनुरूप नहीं
कुल छह सिंचाई परियोजनाएं जन विरोध के कारण शुरू नहीं हुई
राज्य की 27 वृहद व मध्यम सिंचाई योजनाएं वर्षो से लंबित
सिरीज चेक डैम का निर्माण पूरा नहीं, जो बने वह भी मानदंड के ़अनुरूप नहीं
लिफ्ट एरिगेशन स्कीम का बेहतर संचालन नहीं