– मनोज लाल –
रांची : ट्रक का धंधा मंदा हो गया है. ट्रक वालों को अब माल नहीं मिल रहे हैं. झारखंड में पुरानी कंपनियों के बंद हो जाने व नयी कंपनियों के नहीं लगने से यह स्थिति उत्पन्न हो गयी है.
10 वर्षो में डीजल, टायर, मोटर पार्टस, टैक्स, टॉल टैक्स, ड्राइवर–खलासी के खर्च आदि में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है. इस वजह से यह व्यवसाय प्रभावित हो गया है. सड़क किनारे खड़े ट्रकों को देख कर भी यह अंदाजा लगाया जा सकता है. बूटी मोड़, नामकुम, इटकी रोड, रामपुर व पंडरा रोड के सड़क किनारे या फिर गैराजों में ट्रांसर्पोटरों की गाड़ियां खड़ी रहती हैं.
गाड़ी मालिकों के अनुसार तीन–चार दिन गाड़ी खड़ी रहने के बाद किसी तरह माल को लोडिंग होती है. ट्रांसर्पोटरों का धंधा भी मंदा हो गया है. पहले जहां ट्रांसर्पोटरों के पास भीड़ होती थी, अब उनकी ऑफिस में कोई दिखता भी नहीं है.