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तीन बच्चियों के लापता होने पर उग्र हुए ग्रामीण, डोरंडा-घाघरा मार्ग जाम, हंगामा

रांची: डोरंडा क्षेत्र के घाघरा से तीन बच्चियों के अचानक लापता होने और पुलिसिया कार्रवाई नहीं होने से नाराज ग्रामीण बुधवार को उग्र हो गये. वे हरवे-हथियार के साथ सड़क पर उतर आये और महिला, पुरुष और बच्चों ने सुबह नौ बजे से दिन के एक बजे तक डोरंडा-नामकुम मार्ग को घाघरा के समीप जाम […]

रांची: डोरंडा क्षेत्र के घाघरा से तीन बच्चियों के अचानक लापता होने और पुलिसिया कार्रवाई नहीं होने से नाराज ग्रामीण बुधवार को उग्र हो गये. वे हरवे-हथियार के साथ सड़क पर उतर आये और महिला, पुरुष और बच्चों ने सुबह नौ बजे से दिन के एक बजे तक डोरंडा-नामकुम मार्ग को घाघरा के समीप जाम कर दिया.

बाद में रेल थाना मुरी से बच्चियों के बरामद होने और उन्हें डोरंडा लाये जाने की सूचना पर लोग सड़क से हटे. हालांकि सात जनवरी से वहीं की रहनेवाली टुली कुमारी (15 वर्ष) अब भी लापता है. उसकी बरामदगी अब तक नहीं हो पायी है. तीनों बच्चियों को मानव तस्करों द्वारा बेच दिये जाने की आशंका पर लोगों ने रोड जाम किया था. इसी बीच उग्र लोगों ने जिन दो महिलाओं व दो पुरुषों पर बच्ची को गायब करने का आरोप लगाया था, उसे पकड़ा और उनकी पिटाई कर दी. बाद में उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया.

पुलिस ने नहीं की थी कार्रवाई, गुस्से में थे ग्रामीण
ग्रामीणों के अनुसार डोरंडा के बड़ा घाघरा, जागरण टोली निवासी दशरथ कच्छप की पुत्री शीला कुमारी (छह वर्ष) व राजेंद्र कच्छप की पुत्री प्रतिमा कुमारी (सात वर्ष) मंगलवार को दिन तीन बजे के बाद से अचानक गायब हो गयी थी. खोजबीन करने के बाद उनके परिजन उसी दिन रात करीब नौ बजे सनहा दर्ज कराने डोरंडा थाना पहुंचे थे, लेकिन रात 12 बजे सनहा दर्ज किया गया. इसमें गुमला निवासी सुनील आइंद, रूपनीला कुमारी, माया कुमारी और धुर्वा थाना क्षेत्र के मौसीबाड़ी निवासी राधेकृष्ण कुमार पर बच्चियों को गायब करने की आशंका जतायी गयी थी. ग्रामीणों ने टुली कुमारी (15 वर्ष) को भी गायब करने का शक उन्हीं लोगों पर जताया था. इसके बाद भी पुलिस ने किसी तरह की कार्रवाई नहीं की थी. इसके बाद ग्रामीण गुस्से में थे. इधर, रोड जाम की सूचना पर कांग्रेस नेता आलोक दुबे भी वहां पहुंचे थे.
नानी घर जाने के लिए निकली थी दोनों बच्चियां
बरामद शीला कुमारी (छह वर्ष) केजी व प्रतिमा कुमारी (छह वर्ष) केजी वन में पढ़ती है. दोनों स्कूल बैग में कपड़ा लेकर गंगाघाट जाने के लिए निकली थी, जहां दोनों की नानी रहती है. बच्चियों के अनुसार दोनों ट्रेन में चढ़ी थी, लेकिन गंगाघाट की जगह मुरी पहुंच गयी. मुरी में रेल थाना की पुलिस की नजर दोनों पर पड़ी. इसके बाद दोनों बच्चियों की जीआरपी ने अपने संरक्षण में ले लिया था. पुलिस को बाद में पता चला कि दोनों रांची की हैं. उसके बाद एक सिपाही दोनों को लेकर रांची आया और डोरंडा पुलिस के हवाले कर दिया.
इंस्पेक्टर को नहीं है जुबेनाइल जस्टिस नियमों की जानकारी
डोरंडा थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर सुबोध श्रीवास्तव व डीएसपी निशा मुमरू थाने में थे. उसी वक्त दोनों बच्चियों को लाया गया. थाना प्रभारी कक्ष में सुबोध श्रीवास्तव बच्चियों को फटकार लगाने लगे. फटकार से दोनों बच्चियां डर कर रोने लगी. जुबेनाइल जस्टिस के अनुसार किसी भी पुलिसकर्मी को नाबालिग के पास ड्रेस में नहीं रहना है. उन्हें डांट-डपट नहीं करना है. लेकिन इन नियमों को इंस्पेक्टर ने नजर अंदाज कर दिया. बाद में बच्चियों से प्यार से पूछताछ की गयी, तब बच्चियों ने अपनी बातें बतायी.

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