मामले की अगली सुनवाई अप्रैल माह के अंत में होगीमामला मोबाइल टावर लगाने पर शुल्क वसूलने कारांची : हाइकोर्ट में मंगलवार को मोबाइल टावर लगाने पर शुल्क वसूलने संबंधी नगर निगम व नगर निकायों द्वारा जारी आदेश को चुनौती देनेवाली विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए मोबाइल कंपनियों को अंतरिम राहत प्रदान कर दी. सरकार को प्रार्थियों के खिलाफ पीड़क कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया. कहा गया कि मामले की अगली सुनवाई अप्रैल माह के अंत में होगी. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार सिन्हा ने खंडपीठ को बताया कि शुल्क वसूलने संबंधी आदेश असंवैधानिक है. नट-वोल्ट पर मोबाइल टावर खड़े किये जाते है. यह बिल्डिंग की परिभाषा में नहीं आता है. इसलिए लाइसेंस, सर्विस चार्ज नहीं लगाया जा सकता है. इंडियन टेलीग्राफ एक्ट के प्रावधान के तहत लाइसेंस लिया गया है. शुल्क भी दिया गया. इस विषय पर केंद्र सरकार कानून बना चुकी है. इसलिए राज्य सरकार कानून भी नहीं बना सकती है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी मेसर्स वायोम नेटवर्कस लिमिटेड, रिलायंस इंफ्राटेल लिमिटेड, आइडिया सेलुलर इंफ्रास्ट्रक्चर व अन्य की ओर से अलग-अलग याचिका दायर कर मोबाइल टावर से शुल्क वसूलने को चुनौती दी है.
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मोबाइल कंपनियों को राहत, पीड़क कार्रवाई पर रोक
मामले की अगली सुनवाई अप्रैल माह के अंत में होगीमामला मोबाइल टावर लगाने पर शुल्क वसूलने कारांची : हाइकोर्ट में मंगलवार को मोबाइल टावर लगाने पर शुल्क वसूलने संबंधी नगर निगम व नगर निकायों द्वारा जारी आदेश को चुनौती देनेवाली विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की […]
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