रांची : झारखंड हाइकोर्ट में गुरुवार को जेल में बंद महिला, बुजुर्ग, मानसिक व अन्य रोगों से ग्रसित कैदियों को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब करते हुए कहा कि जेल में बच्चे के साथ रह रही महिला, महिला अथवा युवती, बुजुर्ग व बीमार कैदियों के लिए क्या व्यवस्था उपलब्ध करायी गयी है. झालसा ने भी जेलों की व्यवस्था पर रिपोर्ट तैयार की थी. उस रिपोर्ट को देखते हुए जेल में उपलब्ध करायी गयी व्यवस्था की विस्तृत जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से दाखिल की जाये. मामले की अगली सुनवाई के लिए तीन मार्च की तिथि निर्धारित की गयी. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता जय प्रकाश ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान सभी राज्य सरकारों ने जेल में बंद महिला, बुजुर्ग, मानसिक व अन्य रोगों से ग्रसित कैदियों को दी जा रही व्यवस्था की जानकारी दी थी. उस मामले में झारखंड सरकार व झालसा ने भी रिपोर्ट दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने गाइडलाइन जारी किया था. गौरतलब है कि जेलों की व्यवस्था को गंभीरता से लेते हुए हाइकोर्ट ने उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.
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महिला व बुजुर्ग कैदियों के लिए जेल में क्या व्यवस्था है, जवाब दें : हाइकोर्ट
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में गुरुवार को जेल में बंद महिला, बुजुर्ग, मानसिक व अन्य रोगों से ग्रसित कैदियों को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब करते हुए कहा […]
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