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समय बीता, नहीं खाली किया आवास
विडंबना : आवास खाली करने की तिथि 17 फरवरी निर्धारित की गयी थी रांची : झारखंड के पूर्व मंत्रियों की ओर से सरकारी क्वार्टर खाली नहीं किये जाने से मंत्रिमंडल के नये सदस्यों को दिक्कत हो रही है. भवन निर्माण विभाग की ओर से पूर्व मंत्री गीता श्री उरांव और राजेंद्र सिंह को आवास खाली […]
विडंबना : आवास खाली करने की तिथि 17 फरवरी निर्धारित की गयी थी
रांची : झारखंड के पूर्व मंत्रियों की ओर से सरकारी क्वार्टर खाली नहीं किये जाने से मंत्रिमंडल के नये सदस्यों को दिक्कत हो रही है. भवन निर्माण विभाग की ओर से पूर्व मंत्री गीता श्री उरांव और राजेंद्र सिंह को आवास खाली कराने का भी अनुरोध किया गया है. पर इन दोनों ने तय तिथि (17.2.2015) तक आवास खाली नहीं किया.
विभाग के कार्यपालक अभियंता ने आवास खाली करने का अनुरोध किया था. जानकारी के अनुसार राज्य के आधा दर्जन से अधिक पूर्व मंत्रियों ने भवन निर्माण विभाग की ओर से आवंटित किये गये आवास, सरकारी बंगले को खाली नहीं किया है. इसमें राजेंद्र सिंह, गीता श्री उरांव, चंपई सोरेन, नलिन सोरेन, पूर्व उप मुख्यमंत्री सुदेश महतो, बंधु तिर्की, हाजी हुसैन अंसारी, अन्नपूर्णा देवी समेत अन्य शामिल हैं. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुखदेव भगत भी पूर्व में बनी समन्वय समिति के सदस्य की हैसियत से सरकारी क्वार्टर में ही रह रहे हैं. सिर्फ एक पूर्व मंत्री मथुरा महतो द्वारा ही आवंटित आवास खाली करने की सूचना विभाग को दी गयी है.
क्या कहता है नियम
भवन निर्माण विभाग की ओर से बनायी गयी आवास आवंटन नियमावली के अनुसार किसी भी पूर्व विधायक, मंत्री, सेवानिवृत्त अफसरों, कर्मियों को एक महीने में क्वार्टर खाली करने का प्रावधान किया गया है. एक महीने की अवधि में भी अगर सरकारी भवन खाली नहीं होता है, तो दो महीने तक सरकार बाजार मूल्य पर आवंटित आवास का किराया वसूल करेगी. 90 दिनों बाद भी आवास खाली नहीं होने पर बाजार मूल्य का 15 गुना किराया वसूले जाने का नियम है. इन नियमों का अनुपालन राज्य में नहीं हो पा रहा है.
अब तक दो मंत्रियों को नहीं मिल पाया है आवंटित आवास
मुख्यमंत्री रघुवर दास मंत्रिमंडल के दो मंत्री डॉ लुईस मरांडी और चंद्र प्रकाश चौधरी को इसकी वजह से आवंटित आवास नहीं मिल पा रहा है. सिर्फ दो मंत्री चंद्रेश्वर प्रसाद सिंह और नीलकंठ सिंह मुंडा को ही भवन निर्माण विभाग की ओर से आवंटित आवास मिल पाया है. डॉ मरांडी अभी भी स्टेट गेस्ट हाउस में रह रही हैं.
वहीं, चंद्रप्रकाश चौधरी पूर्व के आवंटित आवास से ही आवासीय कार्यालय संचालित कर रहे हैं. डॉ मरांडी को पूर्व शिक्षा मंत्री गीता श्री उरांव का आवास मिला है, जबकि एसएसपी कार्यालय के बगल में चंद्रप्रकाश चौधरी को आवास दिया गया है. राज्य के नये मुख्य सचिव राजीव गौबा भी स्टेट गेस्ट हाउस में ही रह रहे हैं, क्योंकि इनके लिए तय क्र्वाटर की मरम्मत का काम अब तक पूरा नहीं हो पाया है.
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