विधानसभा चुनाव के दो महीने गुजर जाने के बाद समीक्षा के लिए पार्टी बैठी, लेकिन संगठन का जायजा लेने के बजाय हार का ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ दिया. बैठक में प्रदेश अध्यक्ष से लेकर दूसरे नेताओं ने गंठबंधन को ही हार का कारण बताया. पिछले कई महीने से सांगठनिक गतिविधियां ठप है. छोटे-बड़े जन सवालों से पार्टी दूर है. सदस्यता अभियान जैसे कार्यक्रम केवल औपचारिकता के लिए चलाये जा रहे हैं.
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हाल राजद का: जमीन पर संगठन नहीं, हार का ठीकरा कांग्रेस पर
रांची: विधानसभा चुनाव में प्रदेश से राजद का सफाया हो गया. पहली बार झारखंड में राजद का कोई विधायक सदन में नहीं है. अन्नपूर्णा देवी, गिरिनाथ सिंह जैसे दिग्गज नेता अपनी सीट नहीं बचा पाये. जमीन पर राजद का संगठन बिखर गया है. पुराने लोग और कार्यकर्ता संगठन से दूर हैं. विधानसभा चुनाव के दो […]
रांची: विधानसभा चुनाव में प्रदेश से राजद का सफाया हो गया. पहली बार झारखंड में राजद का कोई विधायक सदन में नहीं है. अन्नपूर्णा देवी, गिरिनाथ सिंह जैसे दिग्गज नेता अपनी सीट नहीं बचा पाये. जमीन पर राजद का संगठन बिखर गया है. पुराने लोग और कार्यकर्ता संगठन से दूर हैं.
क्षेत्र तक सिमटे हैं प्रदेश के नेता, नहीं बच रहा गढ़
राजद के प्रदेश नेता अपने क्षेत्र तक सिमटे हैं. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर पूर्व विधायक अपनी जमीन बचाने के लिए ही पसीना बहा रहे हैं. पिछले दो चुनाव से प्रदेश अध्यक्ष अपनी सीट बचाने की कोशिश में लगे हैं. पलामू, उत्तरी छोटानागपुर के कुछ खास पॉकेट में पार्टी का जनाधार रहा है, लेकिन प्रदेश के नेता इन इलाकों में भी अपना गढ़ नहीं बचा पाये.
समीक्षा बैठक में नहीं पहुंची थीं अन्नपूर्णा
विधायक दल की नेता रहीं अन्नपूर्णा देवी पिछले दिनों बुलायी गयी समीक्षा बैठक में नहीं पहुंची. अन्नपूर्णा देवी ने फिलहाल अपने को सांगठनिक गतिविधियों से दूर रखा है. अन्नपूर्णा देवी के नहीं पहुंचने को लेकर राजद के अंदर कई तरह की अटकलें लग रही थीं.
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