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खनन अध्यादेश के बावजूद लीज का नवीकरण नहीं

रांची : केंद्र सरकार द्वारा खनन अध्यादेश (एमएमडीआर संशोधन 2015) जारी होने के बावजूद अबतक झारखंड में लीज नवीकरण नहीं किया गया है. केवल टाटा स्टील ही एक मात्र कंपनी है जिसका लीज नवीकरण किया जा सका है. सेल को खनन की अनुमति मिली है पर लीज नवीकरण नहीं किया जा सका है. राज्य सरकार […]

रांची : केंद्र सरकार द्वारा खनन अध्यादेश (एमएमडीआर संशोधन 2015) जारी होने के बावजूद अबतक झारखंड में लीज नवीकरण नहीं किया गया है. केवल टाटा स्टील ही एक मात्र कंपनी है जिसका लीज नवीकरण किया जा सका है. सेल को खनन की अनुमति मिली है पर लीज नवीकरण नहीं किया जा सका है. राज्य सरकार के पास इस समय 50 से अधिक मेजर मिनरल खदानों के लीज नवीकरण का मामला लंबित है.
इन खदानों सेखनिजों के निकालने का काम भी बंद है. राज्य सरकार द्वारा तीन सितंबर 2014 को आदेश जारी कर द्वितीय लीज नवीकरण के लिए आवेदन दे चुकी कंपनियों के खनन पर रोक लगा दी गयी थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यह रोक लगायी गयी थी. इसके बाद से लौह अयस्क, बॉक्साइट, लाइम स्टोन जैसे खदानों के 50 से अधिक आवेदन लंबित हैं और खनन कार्य बंद है.
राशि को लेकर फंसा है पेंच : सूत्रों ने बताया कि खान विभाग ने पूर्व में लीज नवीकरण के पूर्व यह शर्त रखी थी कि लीज समाप्त होने की अवधि से लेकर अबतक निकाले गये खनिजों के मूल्य भुगतान करने पर ही लीज नवीकरण किया जायेगा.
दूसरी ओर कंपनियां अध्यादेश का हवाला देकर कीमत चुकाने के पक्ष में नहीं है. राज्य सरकार की ओर से कहा गया था कि केंद्र सरकार ने जो आदेश निकाला है, उसके अनुरूप ही नवीकरण किया जाय, पर विभाग पूर्व की शर्त पर ही अड़ा रहा. यही वजह है कि खान सचिव का तबादला कर दिया गया है. एक कंपनी के अधिकारी ने बताया कि केंद्र ने सब कुछ स्पष्ट कर दिया है, इसके बावजूद पेंच लगाना समझ से परे है.
केंद्र ने अध्यादेश जारी किया
केंद्र सरकार ने पांच जनवरी 2015 को एमएमडीआर संशोधन अध्यादेश जारी किया. इसके तहत लीज की अवधि 30 साल से बढ़ाकर 50 साल कर दी गयी है. कैप्टिव माइंस के मामले में लीज नवीकरण की अवधि 31 मार्च 2030 तक कर दी गयी है. इस अध्यादेश के बाद अब केवल राज्य सरकार को लीज नवीकरण के आदेश जारी करने की औपचारिकता ही करनी है. इसके बावजूद झारखंड में अबतक कंपनियों के लीज नवीकरण का आदेश नहीं जारी किया गया है.

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