Advertisement
कैशियर ने लेखा प्रभारी के खिलाफ लिखी थी चिट्ठी
उत्तम महतो रांची : रांची नगर निगम की रोकड़ शाखा से मनमाने तरीके से राशि उठाने का काम पिछले तीन साल से धड़ल्ले से चल रहा था. इस दौरान लेखा प्रभारी (अकाउंट ऑफिसर) बसंत तिवारी को जब मन किया उसने कैशियर से 10 लाख-20 लाख रुपये उठाया. फिर जब उसे मन किया उसने पैसे को […]
उत्तम महतो
रांची : रांची नगर निगम की रोकड़ शाखा से मनमाने तरीके से राशि उठाने का काम पिछले तीन साल से धड़ल्ले से चल रहा था. इस दौरान लेखा प्रभारी (अकाउंट ऑफिसर) बसंत तिवारी को जब मन किया उसने कैशियर से 10 लाख-20 लाख रुपये उठाया. फिर जब उसे मन किया उसने पैसे को कैशियर के पास जमा कर दिया.
अकाउंट अफसर के इस कृत्य से नाराज होकर दो बार कैशियर अमरेंद्र कुमार ने इसकी लिखित शिकायत निगम सीइओ से भी की. परंतु हर बार उनके शिकायती पत्र को बीच रास्ते से ही गायब कर दिया गया. अंत में कैशियर ने निगम के कार्यपालक पदाधिकारी से मिल कर अपनी पीड़ा उनके सामने रखी. तब मामला सबके सामने आया.
30 दिसंबर को ही लिखा था
निगम के कैशियर अमरेंद्र कुमार ने 30 दिसंबर 2014 व 16 जनवरी 2015 को निगम सीइओ को पत्र लिखा. पत्र में उन्होंने अकाउंट ऑफिसर के कृत्य के बारे में विस्तार से लिखा. कैशियर ने लिखा कि अकाउंट ऑफिसर ने उसके पास से मौखिक रूप से 34 लाख रुपये ले लिया, लेकिन अब वह पैसे लौटा नहीं रहे हैं.
जब भी पैसा मांगने जाता हूं तो वह कहते हैं कि रुपये का सारा लेन-देन का काम मैं देखता हूं इसलिए जब मुझे लगेगा कि पैसा ट्रेजरी में जमा कर देना है जमा कर दूंगा. इसलिए इस पर जल्द से जल्द कदम उठाया जाये. कैशियर ने यह पत्र निगम के भूतल स्थित सामान्य शाखा में 30 दिसंबर 2014 को रिसीव कराया था. जबकि निगम सीइओ का कार्यालय प्रथम तल पर है, लेकिन पांच फरवरी तक उनके कार्यालय तक यह पत्र नहीं पहुंचा.
निगम में बसंत तिवारी का राज
रांची नगर निगम में बसंत तिवारी वैसे तो लेखा पदाधिकारी के पद पर काम कर रहे हैं, परंतु बिना बसंत तिवारी के निगम में एक पत्ता भी नहीं हिलता है. निगम में चाहे कोई भी अधिकारी आये, श्री तिवारी ने अपने हिसाब से निगम में काम किया है. वर्तमान में श्री तिवारी के तीन से अधिक वाहन निगम में चलते हंै. दो मारुति जिस पर निगम के अभियंता चलते हैं और एक सूमो विक्टा जिस पर निगम के स्वास्थ्य पदाधिकारी चलते हैं. श्री तिवारी का एक बेटा प्रकाश रंजन तिवारी डोरंडा नगर निगम में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत है. एक बेटा दीपू तिवारी निगम के प्रज्ञा केंद्र का संचालन करता है.
इसके अलावा निगम के अधिकारी से लेकर मेयर-डिप्टी मेयर तक जब भी किसी सेमिनार व मीटिंग में भाग लेने बाहर जाते हैं, श्री तिवारी के बेटे के टूर एंड ट्रैवल्स से ही टिकटों की बुकिंग होती है. श्री तिवारी ने निगम की जमीन पर बनायी गयी एक दुकान को भी अपने बेटे के नाम पर अलॉट करा लिया है.
पहले एफआइआर करायें बाद में होगी जांच : मंत्री
रांची : नगर निगम में टैक्स कलेक्शन की राशि को बैंक में जमा ना कर निजी काम में लगाये जाने की खबर को नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने गंभीरता से लिया है. श्री सिंह ने गुरुवार को मेयर आशा लकड़ा को निर्देश दिया कि मामला काफी गंभीर है. इसलिए निगम तत्काल एफआइआर दर्ज कराये. बाद में मामले की जांच पुलिस करती रहेगी. एक बार एफआइआर हो जाने के बाद जिन्होंने भी गड़बड़ी की है. सारा राज सामने आ जायेगा.
क्या था पूरा मामला
नगर निगम के टैक्स कलेक्टर परमहंस सिंह ने 31 मार्च 2014 को निगम के रोकड़ शाखा में 11.75 लाख रुपये जमा कराया था. परंतु आठ माह बीत जाने के बाद भी कैशियर ने टैक्स कलेक्टर की राशि को रोकड़ पंजी में अंकित नहीं किया. कैशियर ने इस दौरान टैक्स कलेक्टर से ली गयी राशि की रिसिविंग भी नहीं दी. नाराज होकर टैक्स कलेक्टर ने इसकी शिकायत निगम के वरीय अधिकारियों से की. फिर वरीय अधिकारियों ने जब कैशियर से इस संबंध में पूछा कि तो उसने बताया कि उसने सारी राशि निगम के लेखा पदाधिकारी बसंत तिवारी को दे दी है. अब बसंत तिवारी जब तक पैसे वापस नहीं करेंगे, रोकड़ पंजी में राशि कैसे दर्ज करेंगे.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement