रांची: केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री पल्ल्व राजू ने संताल परगना में उच्च शिक्षा की स्थिति सुधारने के लिए सिदो-कान्हू विवि को केंद्रीय विश्वविद्यालय में बदलने पर सहमति दी. मानव संसाधन विभाग के प्रधान सचिव डीके तिवारी द्वारा शिक्षा से संबंधित दिये गये प्रस्तुतीकरण के बाद केंद्रीय मंत्री ने इस पर सहमति दी. प्रोजेक्ट भवन में हुई प्रस्तुतीकरण में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश समेत कई उच्चधिकारी भी शामिल हुए.
शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने प्रस्तुतीकरण के जरिये जानकारी दी कि संताल परगना में उच्च शिक्षा की स्थिति बेहतर नहीं है. निजी विवि व कॉलेज चाह कर भी वहां शिक्षा के क्षेत्र में कोई काम नहीं कर पाते हैं. इसकी वजह वहां लागू संताल परगना काश्तकारी अधिनियम है. वर्तमान स्थिति में केंद्र सरकार को वहां उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विकास के उद्देश्य से पहल करनी चाहिए. केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने भी राज्य की इस मांग का समर्थन किया.
इसके बाद केंद्रीय मंत्री ने सिदो-कान्हू विवि को केंद्रीय विवि में बदलने पर सहमति दी. सरकार की ओर से सर्वशिक्षा अभियान के बजट में की गयी कटौती के मद्देनजर पैदा हुई समस्याओं का उल्लेख किया गया.
सरकार की ओर से यह कहा गया कि केंद्र ने चालू वित्तीय वर्ष के दौरान पिछले वर्ष के मुकाबले सर्वशिक्षा अभियान के बजट में 50 प्रतिशत की कटौती कर दी है. इससे काफी परेशानी हो रही है. शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में पढ़नेवाले गरीब बच्चों के फीस मद में केंद्र सरकार ने एक भी रुपया नहीं दिया है. इस वर्ष एसटी, एससी को पोशाक देने के मद में भी केंद्र ने पैसे नहीं दिये हैं. शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत स्कूल और नये क्लास रूम बनाने के लिए करीब 1400 करोड़ रुपये की जरूरत है, पर केंद्र ने इस मद में भी पैसा नहीं दिया है. यहां तक सीआरसी, बीआरसी के बजट में भी कटौती कर दी गयी है, जिससे उनको वेतन की समस्या भी पैदा हो गयी है. राज्य सरकार ने 54 मॉडल स्कूलों के लिए भेजे गये प्रस्ताव पर केंद्र से सहमति देने की मांग की.