इस अध्यादेश के जरिये सरकार मनमाने तरीके से भूमि का अधिग्रहण कर सकती है. इससे पहले जो अध्यादेश था उसमें भूमि अधिग्रहण के पहले ग्राम सभा की सहमति लेनी पड़ती थी. साथ ही भूमि अधिग्रहण से पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभावों का भी सर्वे किया जाता था. पर मोदी सरकार ने पहले के कानून को निरस्त कर पूंजीपतियों व मल्टीनेशनल कंपनियों के हित में काम किया है. दयामनी ने कहा कि झारखंड में इस अध्यादेश को लागू नहीं करने दिया जायेगा. यह सिर्फ आदिवासी मूलवासी का मामला नहीं है. स्वच्छ पर्यावरण, हवा व अच्छी जिंदगी की जरूरत सभी की है. रैली को फैसल अनुराग, सुशांतो मुखर्जी, अरुण प्रधान, सिरनुस तोपनो सहित अन्य ने भी संबोधित किया.
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आदिवासी मूलवासी अस्तित्व रक्षा मंच ने निकाली रैली, भूमि अधिग्रहण अध्यादेश वापस लेने की मांग की
रांची: भूमि अधिग्रहण अध्यादेश 2014 को वापस लेने की मांग को लेकर आदिवासी मूलवासी अस्तित्व रक्षा मंच एवं डैम प्रभावित संघर्ष समिति ने रैली निकाली. रैली मोरहाबादी मैदान से शुरू होकर राजभवन तक पहुंची, जहां सभा में तब्दील हो गयी. सभा को संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता और आंदोलनकारी दयामनी बरला ने कहा कि मोदी […]
रांची: भूमि अधिग्रहण अध्यादेश 2014 को वापस लेने की मांग को लेकर आदिवासी मूलवासी अस्तित्व रक्षा मंच एवं डैम प्रभावित संघर्ष समिति ने रैली निकाली. रैली मोरहाबादी मैदान से शुरू होकर राजभवन तक पहुंची, जहां सभा में तब्दील हो गयी. सभा को संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता और आंदोलनकारी दयामनी बरला ने कहा कि मोदी सरकार ने सत्ता में आते ही अपनी जनविरोधी नीतियों को लागू करना शुरू कर दिया है. भूमि अधिग्रहण अध्यादेश 2014 ऐसा ही कानून है.
आठ सूत्री ज्ञापन राज्यपाल को सौंपा
मंच की ओर से राज्यपाल के नाम आठ सूत्री ज्ञापन सौंपा गया. इसमें, भूमि अधिग्रहण अध्यादेश 2014 को वापस लेने व भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को लागू करने, स्थानीय नीति लागू करने, शिक्षा एवं स्वास्थ्य का निजीकरण नहीं करने, सरकारी स्कूलों में रिक्त पड़े पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति करने, प्रत्येक पंचायतों में स्वास्थ्य उपकेंद्र खोलने तथा स्वास्थ्य कर्मचारियों की नियुक्ति करने, विकास परियोजनाओं से विस्थापित होने वाले लोगों को नौकरी रोजगार देने आदि की मांग की गयी.
किसान सभा ने राजभवन के समक्ष धरना दिया
रांची: झारखंड राज्य किसान सभा के तत्वावधान में राजभवन के समक्ष धरना दिया गया. धरना भूमि अधिग्रहण एवं पुनस्र्थापन अध्यादेश 2014 के खिलाफ दिया गया. धरना को संबोधित करते हुए सुखनाथ लोहरा ने कहा कि यह अध्यादेश गरीब विरोधी व किसान विरोधी है. इससे किसान आत्महत्या करने पर मजबूर होंगे. किसान महासभा के राज्य महासचिव प्रफुल्ल लिंडा ने कहा कि भूमि अधिग्रहण एवं पुनस्र्थापन अध्यादेश असंवैधानिक अध्यादेश है. यह अंबानी और अडानी जैसे उद्योगपतियों के लिए तोहफा है. धरना को प्रकाश टोप्पो, वीणा लिंडा, नथानियल होरो सहित अन्य ने भी संबोधित किया.
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